
ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती
गंगा जीवनदायिनी, मोक्ष प्रदायनी नदी के साथ साथ तमाम औषधीय गुणों से परिपूर्ण है. मगर घटता जलस्तर, प्रदूषण, गंगा और उसके चिकित्सकीय गुणों को समाप्त करता जा रहा है. यह बातें भारत में जल पुरुष के नाम से सुप्रसिद्ध डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने “गंगा सद्भावना यात्रा” के मध्यांतर में यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में कहीं. इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार गंगा की निर्मलता के नाम पर हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है, जब की चुनौती गंगा की अविरलता, उसके जैविक गुणों, उसके प्रवाह और घाटों के निर्माण के साथ साथ उनकी बनावट पर कार्य करने की जरूरत है. सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए डॉक्टर सिंह ने कहा की दिल का इलाज- दांतों के डॉक्टर से कराना उचित नहीं है. गौमुख से गंगासागर तक निकाली जाने वाली इस “गंगा सद्भावना यात्रा” का उद्देश्य देश के आम नागरिकों को जागरुक करना और इस यात्रा की प्रतिभागिता सुनिश्चित करना है राजेंद्र सिंह ने कहा लता की आवाज उठाने वाले प्रोफेसर राजेंद्र प्रोफेसर जी डी अग्रवाल स्वामी स्वरूपानंद.आज अपने प्राणों को निछावर कर चुके हैं जिनकी आवाज अब तमाम संतों ने देश के अलग-अलग भागों में आमरण अनशन पर बैठ कर बुलंद करने की शुरुआत कर दी है प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से बायपास जिसे प्रदूषण विलक्षण नारी शक्ति का हिंदू माना जाता है उसे उठाया गया इस मौके पर जलन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ संजय सिंह के साथ तमाम समाजसेवी स्कूल की छात्राओं और आमजन ने सहभागिता कीसरकार अविरल ता पर नहीं निर्मलता पर कर रही है काम डॉक्टर राजेंद्र सिंह जल पुरुष गंगा जीवनदायिनी मोक्ष प्रधानी नदी के साथ साथ तमाम औषधीय गुणों से परिपूर्ण है मगर घटता जलस्तर प्रदूषण गंगा और उसके चिकित्सकीय गुणों को समाप्त करता जा रहा है यह बातें भारत में जल पुरुष के नाम से सुप्रसिद्ध डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने गंगा सद्भावना यात्रा के मध्यांतर में यूपी प्रेस क्लब लखनऊ में कहीं इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीजेपी की केंद्र सरकार गंगा की निर्मलता के नाम पर हजारों करोड़ रुपए खर्च कर रही है जब की चुनौती गंगा की अविरल ता उसके जैविक गुणों उसके प्रभाव और घाटों के निर्माण के साथ साथ उनकी बनावट पर कार्य करने की जरूरत है सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए डॉक्टर सिंह ने कहा की दिल का इलाज दांतों के डॉक्टर से कराना उचित नहीं है गोमुख से गंगासागर तक निकाली जाने वाली इस गंगा सद्भावना यात्रा का उद्देश्य देश के आम नागरिकों को जागरुक करना और इस यात्रा की प्रतिभा सूचित करना है. राजेंद्र सिंह ने कहा अविरलता की आवाज उठाने वाले प्रोफेसर जी डी अग्रवाल (स्वामी स्वरूपसानंद) आज अपने प्राणों की आहुति दे चुके हैं, जिनकी आवाज अब तमाम संतों ने देश के अलग-अलग भागों में आमरण अनशन पर बैठ कर बुलंद करने की शुरुआत कर दी है. प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से बायोफाज़ जिसे प्रदूषण विलक्षण नाशिनी शक्ति का नष्ट होना माना जा सकता है. इस मौके पर “जल-जन-जोड़ो” अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डॉ संजय सिंह के साथ तमामाजसेवी, स्कूल की छात्राओं, और आमजन ने सहभागिता की.