
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
सरकार ने 30 शहरों को भिखारी मुक्त बनाने के लिए पहचान की है। ये शहर धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन महत्व के आधार पर चुने गए हैं।
योजना के तहत:
- इन शहरों में भिखारियों का सर्वेक्षण और पुनर्वास किया जाएगा।
- वयस्कों, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को भिक्षावृत्ति से बाहर निकालने पर ध्यान दिया जाएगा।
- धार्मिक ट्रस्ट और श्राइन बोर्ड भी इन स्थानों पर भिखारियों के पुनर्वास में शामिल होंगे।
- सरकार भिखारियों को रोजगार और आश्रय प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाओं का भी उपयोग करेगी।
चुने गए 30 शहरों में शामिल हैं:
- धार्मिक महत्व: अयोध्या, ओंकारेश्वर, कांगड़ा, सोमनाथ, उज्जैन, बोधगया, त्र्यंबकेश्वर, पावागढ़, मुदैर, गुवाहाटी
- पर्यटन स्थल: जैसलमेर, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, कुशीनगर, सांची, केवडिया, श्रीनगर, नामसाई, खजुराहो, पुडुचेरी
- ऐतिहासिक शहर: वारंगल, तेजपुर, कोझिकोड, अमृतसर, उदयपुर, कटक, इंदौर, मैसूर, पंचकूला, शिमला, तेजपुर
यह योजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है। सरकार का मानना है कि यह योजना भिखारियों की समस्या को स्थायी रूप से हल करने में मदद करेगी और शहरों को अधिक सुंदर और स्वच्छ बनाएगी।