
(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)
पीलीभीत जनपद में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के दो लोगों को शामिल किया जाएगा। यह निर्देश आज पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने दिए। बैठक में जिला उद्योग केंद्र के प्रभारी उपनिदेशक उद्योग आत्मदेव शर्मा ने बताया कि जनपद में अब तक 4463 आवेदन इस योजना के आए हैं जिसमें से 284 आवेदन पेंडिंग हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत विभिन्न 18 ट्रेडों में प्रशिक्षण दिलवाकर कामगारों को ऋण व टूल किट उपलब्ध कराए जाते हैं।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि प्रत्येक ग्राम पंचायत के दो लोगों को इस योजना के तहत शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए ग्राम पंचायतों में जागरूकता अभियान चलाया जाए। साथ ही, आवेदनों के निस्तारण में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलना चाहिए जो वास्तव में योग्य हैं। इसके लिए आवेदनों की पूरी तरह से जांच की जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को नई तकनीकों से अवगत कराना है। इससे उनके कौशल का विकास होगा और उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे। इस बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन, अपर जिलाधिकारी वित्त, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला उद्योग केंद्र के अधिकारी आदि मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक महत्वपूर्ण योजना है जो पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को विभिन्न ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जाता है। साथ ही, उन्हें ऋण और टूल किट भी प्रदान किए जाते हैं। पीलीभीत जनपद में इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत के दो लोगों को शामिल करने का निर्णय सराहनीय है। इससे अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।
योजना के तहत, 18 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- बढ़ई
- दर्जी
- टोकरी बुनकर
- नाई
- सुनार
- लोहार
- कुम्हार
- हलवाई
- मोची
प्रशिक्षण 6 दिनों का होता है और इसमें व्यवसाय प्रबंधन, विपणन और वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों पर भी पाठ्यक्रम शामिल होते हैं। योजना के तहत, प्रशिक्षित कारीगरों को ऋण और टूल किट भी प्रदान किए जाते हैं। ऋण की राशि 10,000 रुपये से 3 लाख रुपये तक हो सकती है। टूल किट में कारीगरों को अपने व्यवसाय को शुरू करने के लिए आवश्यक उपकरण और सामग्री शामिल होती है।
योजना का लाभ लेने के लिए, आवेदक को निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना चाहिए:
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक का आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड होना चाहिए।
- आवेदक के पास एक वैध व्यवसाय पंजीकरण होना चाहिए।
आवेदन पत्र संबंधित जिला उद्योग केंद्र में जमा किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2023 के लाभ:
- यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को नई तकनीकों के आधार पर प्रशिक्षित करती है।
- यह योजना उन्हें व्यवसाय प्रबंधन, विपणन और वित्तीय प्रबंधन जैसे विषयों में प्रशिक्षित करती है।
- यह योजना उन्हें ऋण और टूल किट प्रदान करती है, ताकि वे अपने व्यवसाय को शुरू कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2023 का महत्व:
- यह योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने में मदद करती है।
- यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करती है।
- यह योजना भारत के पारंपरिक उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद करती है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2023 भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। यह योजना उन्हें नई तकनीकों के आधार पर प्रशिक्षण प्रदान करती है, ताकि वे अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।