
(रिपोर्ट – इशिका सिंह)
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में 85 फर्जी शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इन शिक्षकों ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। इन शिक्षकों ने सरकार से तकरीबन 25 करोड़ रुपये से अधिक की सैलरी ली है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि इन शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है और 25 करोड़ रुपये से अधिक की आरसी जारी कर दी गई है। श्रीवास्तव ने बताया कि इन शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। इस कार्रवाई से देवरिया जिले के शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। श्रीवास्तव ने बताया कि अभी भी कई शिक्षकों के खिलाफ जांच जारी है।
फर्जी शिक्षकों से होगी वसूली
बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि इन फर्जी शिक्षकों से वसूली की जाएगी। उन्होंने बताया कि सलेमपुर के रोड निवासी राम लखन से 63.86 लाख, ठाकुर नगर वार्ड के राम भरोसा से 87.60 लाख, सलाहाबाद वार्ड निवासी वीना रानी से 72.69 लाख, टीचर्स कॉलोनी के सुशील कुमार सिंह से 48.24 लाख, हरैया के आलोक कुमार से 11.90 लाख, गौरव कुमार से 10.37 लाख, कपरीपार की स्वाति तिवारी से 37.65 लाख, विराजमार के वेद प्रकाश तिवारी से 22.62 लाख, बरडीहा गांव के गुलाबचंद से 22.62 लाख, बरसी पार के राजेश कुमार से 34.79 लाख रुपये की वसूली की जानी है।
क्या है मामला
देवरिया जिले में फर्जी शिक्षकों की भर्ती का मामला पिछले कई सालों से चल रहा था। इस मामले में कई शिकायतें भी हुई थीं। बेसिक शिक्षा विभाग और एसटीएफ ने मिलकर इस मामले की जांच की। जांच में पता चला कि कई शिक्षकों ने फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की थी। इस मामले में 85 शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है। इन शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है और इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। इन शिक्षकों से सरकार से ली गई सैलरी भी वसूली की जाएगी।