
ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-
भोपाल- आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए मध्य प्रदेश में अब चुनाव आयोग की अनुमति के बगैर अफसरों के तबादले नहीं हो सकेंगे। लोकसभा चुनाव की मतदाता सूची का काम जब तक पूरा नहीं हो जाता है, तब तक आयोग की अनुमति बिना सरकार निर्वाचन कार्य में लगे किसी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला नहीं कर पाएगी। इसकी जानकारी राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी एल कान्ता राव ने दी। बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश में कई अफसरों के तबादले किये थे।
दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए अब कुछ महीने का समय रह गया है। जिसके लिए चुनाव आयोग अभी से तैयारियों में जुट चुका है। इस क्रम में 26 दिसम्बर से 25 जनवरी तक प्राप्त सभी दावे-आपत्तियों का निराकरण किया जायेगा जोकि 11 फरवरी तक पूरा करने के बाद निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 22 फरवरी को कर दिया जाएगा। इस प्रक्रिया के दौरान प्रदेश में जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी आदि का तबादला राज्य सरकार के द्वारा नहीं किया जा सकेगा। इनके तबादले के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री बनते ही कमलनाथ ने 26 जिलों के कलेक्टरों समेत कुल 42 अफसरों के तबादले के आदेश जारी किये दिए थे।
चुनाव आयोग के अनुसार, एक जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूरा करने वाले नागरिक अपना नाम निर्वाचक नामावली में शामिल करवा सकते है। निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 22 फरवरी को किया जाएगा। बता दें कि निर्वाचक नामावली की कॉपी 100 रुपये प्रति विधानसभा क्षेत्र देकर संबंधित जिले के जिला निर्वाचन कार्यालय या मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है।