
ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-
पेशावरः पाकिस्तान के साथ बढ़ती चीन की दोस्ती और पाक पर अपनी कमजोर होती पकड़ को लेकर अमेरिका चिंतित है । अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली सुरक्षा सहायता राशि पर रोक लगा दी है।पेंटागन के मुताबिक अमेरिका ने पाकिस्तान को मिलने वाली 1.66 बिलियन अमेरिकी डाॅलर की सहायता राशि देने से मना कर दिया है।। IMF ने भी पाक को आर्थिक मोर्चे पर झटका देते राहत पैकेज देने के लिए कुछ शर्तें कड़ी कर दी हैं।
हाल ही में चीन से लौटे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने चीन से बड़ी आर्थिक मदद मिलने का दावा किया था जिसके बाद IMF ने इस राशि की जानकारी मांगी थी लेकिन पाकिस्तान और चीन दोनों ने इसका खुलासा करने से मना कर दिया। इसी के चलते दोनों देश एक दूसरे के खून के प्यासे होते जा रहे हैं। इससे पहले रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद को रोकने के लिए पर्याप्त कदम न उठाने के चलते लाखों डॉलर की सैन्य सहायता को बंद करने के अपने प्रशासन के फैसले का बचाव किया था। ट्रंप ने अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को एबटाबाद में छिपने का ठिकाना देने के लिए भी इस्लामाबाद की आलोचना की थी।
इस पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी पलटवार करते हुए डोनाल्ड ट्रंप के बयान की आलोचना की थी. खान ने लिखा था, आखिर 1 ट्रिलियन डॉलर खर्च करने, 1 लाख 40 हज़ार से ज्यादा नाटो सैनिकों और 2.5 लाख से ज्यादा अफगान सैनिकों के होते हुए भी आज तालिबान ज्यादा मजबूत क्यों हुआ है? इमरान ने कहा कि अमेरिका के लिए पाकिस्तान जितना बलिदान करने वाला कोई सहयोगी नहीं हो सकता। ‘9/11 के हमले में कोई पाकिस्तानी शामिल नहीं था, इसके बावजूद हमने आतंक के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका का साथ दिया।
इस लड़ाई में 75,000 पाकिस्तानियों की जान गई और अर्थव्यवस्था को 123 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।’इमरान ने आगे कहा कि अफगानिस्तान में तैनात 10,000 से ज्यादा अमेरिकी सैनिकों को रसद आपूर्ति के लिए पाकिस्तान लगातार अपने सड़क एवं हवाई मार्ग के इस्तेमाल की छूट दे रहा है।उन्होंने कहा, ‘क्या ट्रंप किसी और सहयोगी का नाम बता सकते हैं, जिसने इतना कुछ खोया हो?’ इससे पहले पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने कहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ ट्रंप का जहर उगलना देश के उन नेताओं के लिए सबक है, जो उसकी जी हुजूरी करते रहते हैं।