
14 वर्षों से जिस पल का दिल्ली की जनता को इंतजार था, वह आ गया है। ब्रिज का रविवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उद्घाटन करेंगे। समारोह में मुख्य रूप से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, लोक निर्माण मंत्री सहित पूरा मंत्रिमंडल, पार्टी के सभी सांसद, विधायक व कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।
सोमवार से जनता को समर्पित
आम आदमी पार्टी की सरकार के समय जनता को समर्पित होने वाली यह सबसे बड़ी परियोजना है। सोमवार से यह जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह ब्रिज अपनी खूबसूरती के लिए चर्चा में है। मुख्य आकर्षक 154 मीटर ऊंचे मुख्य पिलर के ऊपर चढ़कर लोग दिल्ली को निहार सकेंगे।
पिलर के ऊपरी 22 मीटर के भाग में चारों तरफ शीशे लगाए जाएंगे। इसका काम चल रहा है जो 31 मार्च तक पूरा होगा। ब्रिज के ऊपरी भाग में रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक काम पूरा किया जाएगा। लिफ्ट के जरिये जब लोग ऊपरी भाग में पहुंचेंगे तो उन्हें यहा से दिल्ली का टॉप व्यू देखने को मिलेगा। इसकी उंचाई कुतुब मीनार से दोगुनी है। ब्रिज पर 15 स्टे केबल्स हैं जो बूमरैंग आकार में हैं, जिन पर ब्रिज का 350 मीटर भाग बगैर किसी पिलर के रोका गया है। ब्रिज की कुल लंबाई 675 मीटर और चौड़ाई 35.2 मीटर है।
डेढ़ लाख वाहनों को मिलेगा लाभ
यमुना नदी पर इस ब्रिज के बन जाने से उत्तर-पूर्वी दिल्ली के यमुना विहार गोकुलपुरी भजनपुरा और खजूरी की तरफ से मुखर्जी नगर, तिमारपुर, बुराड़ी और आजादपुर जाने वाले लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। जो लोग रोजाना वजीराबाद पुल से सफर करते हैं, उन्हें आधा से एक घटे का समय जाम के कारण लग जाता है। अब 10 मिनट में यह दूरी तय कर करेंगे।
2004 में बनी थी योजना
सिग्नेचर ब्रिज बनाने की योजना 2004 में बनी थी। उस समय इसकी लागत करीब 464 करोड़ रुपये अनुमानित थी। साल 2007 में शीला दीक्षित कैबिनेट ने इसको मंज़ूरी दी। शुरुआत में लक्ष्य रखा गया कि इसको 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन, इसके निर्माण की शुरुआत ही कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले मार्च 2010 में हो पाई। साल 2011 में इसकी कीमत बढ़कर 1131 करोड़ रुपये हो गई और अब यह आखिरकार 1518.37 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है।