क्या कहा रतन टाटा ने जब मोहन भागवत के साथ साझा किया मंच..

By | January 13, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि ‘धर्म’ का मतलब सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं है बल्कि एक सामाजिक कर्तव्य भी है और शासक ‘राज धर्म’ की बात करते हैं।
इस कार्यक्रम में उद्योगपति रतन टाटा ने उनके साथ मंच साझा किया। भागवत यहां दिवंगत आरएसएस नेता नाना पालकर की जन्मशताब्दी वर्ष और नाना पालकर स्मृति समिति सुवर्ण महोत्सवी वर्ष सांगता समारोह के मौके पर रखे गए एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। टाटा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे।

आपको बता दें कि नाना पालकर स्मृति समिति आरएसएस से संबंधित गैर सरकारी संगठन है और यह बीमारों की सेवा करती है। संघ के पूर्णकालिक प्रचारक रहे नारायण हरि पालकर उर्फ नाना पालकर की स्मृति में इस सेवा सदन की स्थापना 1968 में की गई थी।

भागवत ने कहा कि धर्म पिता के प्रति बेटे का कर्तव्य है, पिता का बेटे के प्रति कर्तव्य है और जिन्हें सत्ता के लिए चुना जाता है वह ‘राजधर्म’ की बात करते हैं। हमें बदले में बिना कुछ चाहे अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।

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