
भोपाल। बड़े नेताओं के यहां लगने वाले कार्यकर्ताओं के जमावड़े को देखते हुए सीएम की ओर से कांग्रेस के लिए कुछ नए नियम बनाए गए हैं। जिसे तोड़ने वाले मंत्री-विधायकों पर भी कार्रवाई की जा सकती है। जिसके चलते नए उम्मीदवारों को क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की कमी की वजह से चुनाव में नुकसान उठाना पड़ता है।
ऐसे समझें पूरा मामला…
दरअसल मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कांग्रेस नेताओं को अपने-अपने जिले में ही चुनाव से संबंधित काम करने का फरमान जारी किया है। मुख्यमंत्री ने मंत्री, विधायक समेत सभी जनप्रतिनिधि, पार्टी पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया है कि वे अपने जिले में कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने के लिए काम करें।
यदि बिना अनुमति के जिले के बाहर अन्य उम्मीदवार के लिए चुनाव कार्य करते हैं तो अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कमलनाथ के इस फरमान के बाद कार्यकर्ता अपने सरपरस्त नेता के क्षेत्र में भी काम नहीं कर पाएंगे।
इसलिए जारी किए निर्देश
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री राजीव सिंह कहते हैं कि बड़े नेताओं के यहां कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लग जाता है और नए उम्मीदवारों को क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं की कमी की वजह से चुनाव में नुकसान उठाना पड़ता है। पिछले चुनावों में ऐसी शिकायतें संगठन को मिली थीं, इसलिए यह आदेश जारी किया है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में सुरेश पचौरी के समर्थक भोजपुर में इकट्ठे हो गए थे। नरेला कांग्रेस प्रत्याशी महेंद्र सिंह चौहान ने पीसीसी को शिकायत में अपनी हार का बड़ा कारण क्षेत्रीय नेताओं का भोजपुर में जमावड़ा बताया था।
इन नेताओं पर पड़ेगा असर
– नकुलनाथ : छिंदवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार के लिए नकुलनाथ का नाम लगभग तय है। कमलनाथ ने ये फरमान जारी करने के पहले ही अपने समर्थकों को स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने क्षेत्र के उम्मीदवारों को जिताएं। छिंदवाड़ा में डेरा डालने की आवश्यकता नहीं है।
– दिग्विजय सिंह : भोपाल में कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह के चुनाव प्रचार में दो स्थानीय मंत्रियों के अलावा दो अन्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह और जयवद्र्धन सिंह की भी अहम भूमिका है। अब जयवद्र्धन को राजगढ़ और गोविंद को भिंड लोकसभा क्षेत्र में काम करना होगा। भोपाल के प्रभारी मंत्री के नाते गोविंद सिंह की भूमिका भोपाल में सीमित हो जाएगी।
– ज्योतिरादित्य सिंधिया : गुना के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के चुनाव में भी समर्थक नेता उनके क्षेत्र में डेरा डाल लेते हैं। इसके अलावा सिंधिया समर्थक युवा कार्यकर्ता भी अपने क्षेत्र को छोड़कर उनके क्षेत्र में चले जाते हैं। सिंधिया समर्थक मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं को अब अपने ही क्षेत्र में काम करना पड़ेगा।
– अजय सिंह : अजय सिंह का चुनाव क्षेत्र सीधी है, लेकिन उनके समर्थक विंध्य समेत भोपाल और अन्य क्षेत्रों में भी हैं। विधानसभा चुनाव के समय समर्थकों की सारी गतिविधि चुरहट तक सीमित हो गई थीं। लोकसभा चुनाव में अब ये मुमकिन नहीं होगा।