
ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती-
गुरुवार को अयोध्या राम मंदिर मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पांच जजों की पीठ में शामिल जस्टिस यूयू ललित ने मामले से खुद को अलग कर लिया। अब पांच जजों की संवैधानिक पीठ का फिर से गठन किया जाएगा। इसके साथ ही राम मंदिर मामले की अगली 29 जनवरी को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी तक टालने के पीछे का एक कारण अनुवाद बताया दरअसल, हिंदू महासभा के वकीलों का कहना है कि इस मसले से जुड़े दस्तावेजों का जो अनुवाद हुआ है, उसकी जांच होनी चाहिए। इसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दस्तावेजों के अनुवाद की पुष्टि नए रूप से की जाएगी। बता दें कि इस मामले से जुड़े दस्तावेज अरबी, फारसी, संस्कृत, उर्दू और गुरमुखी में लिखे गए हैं। इसपर वकीलों नो कोर्ट में कहा कि जिन पार्टियों ने इन दस्तावेजों का ट्रांसलेशन किया है, उसकी पुष्टि होनी जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने इकी पुष्टि को भी 29 जनवरी तक के लिए करने को कहा है।