अयोध्या में दिवाली मनाकर देंगे हिंदुत्व का सन्देश विदेशी मेहमान का इंतज़ार.

By | November 4, 2018

Ayodhya: People lighting earthen lamps on banks of River Saryu during Deepotsav (Diwali celebrations) in Ayodhya on Wednesday. PTI Photo by Nand Kumar (PTI10_18_2017_000145B)

ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की घोषणा- अयोध्या में मनाएंगे दीपावली. अयोध्या में राज्य सरकार की ओर से होने वाले भव्य दिवाली समारोह में इस बार साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन मुख्य अतिथि होंगे. सीएम योगी की यह घोषणा विरोधियों के लिए परेशानी खड़ी करने वाला साबित होगा.

सीएम योगी आदित्यनाथ ने छह नवंबर को अयोध्या में दिवाली समारोह के आयोजन की घोषणा की.
अयोध्या को एक बार फिर रोशनी से भरने की तैयारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की है। ऐसी मान्यता है कि राक्षसराज रावण की लंका पर जीत हासिल करने के बाद प्रभु श्रीराम दिवाली के दिन अयोध्या पहुंचे थे। तब अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर प्रभु श्रीराम का स्वागत किया था। त्रेता युग से चली आ रही परंपरा आज भी देश भर में जारी है। इसी दिन को देश-विदेश में दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। हालांकि, पिछले वर्षों में अयोध्या में राजनीतिक कारणों से दिवाली मनाने की परंपरा बंद हो गई थी। 2017 में सत्ता में आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में भव्य दिवाली का आयोजन किया था।

साउथ कोरिया के राष्ट्रपति होंगे अयोध्या दीपोत्सव के मुख्य अतिथि
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हमारी सरकार में अयोध्या में दीपावली व मथुरा के बरसाना में होली भव्यता के साथ मनाई गई। आगामी 6 नवंबर को अयोध्या में एक बार फिर दीपावली का आयोजन पूरी भव्यता के साथ किया जाएगा। इसमें सहभागी देश के तौर पर साउथ कोरिया के राष्ट्रपति मून जेई-इन आएंगे। सीएम योगी ने इस घोषणा के जरिए अपना एजेंडा साफ कर दिया है। एक तरफ अयोध्या मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में दिन-प्रतिदिन के आधार पर शुरू होने वाली है। दूसरी तरफ, अयोध्या में एक बार फिर 2017 की तरह दीपों का त्योहार धूम-धाम से मनाने की तैयारी चल रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ की घोषणा से अखिलेश व मायावती की बढ़ेगी परेशानी.
विदेशी मेहमान की आगवानी कर सीएम योगी आदित्यनाथ लोकसभा चुनाव-2019 में हिंदुत्व एजेंडे के साथ जाने के संकेत दे दिए हैं। भले ही कांग्रेस के कई नेता या समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान मंदिर मुद्दे को उठाते रहे हों। लेकिन मुद्दा गरमाया तो सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को मिलना तय है। योगी आदित्यनाथ पहले ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की बात कर चुके हैं। ऐसे में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव व बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती की मुश्किलें बढ़ेंगी। अभी तक इस मुद्दे पर चुप मायावती को डर है कि अगर उन्होंने राम मंदिर पर कुछ भी बोला तो हिंदु सेंटीमेंट न बन जाए। ऐसे में अयोध्या में बड़ा आयोजन कर सीएम योगी एक बार फिर हिंदुओं के करीब जाने की कोशिश में जुट गए हैं।

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