शिक्षा मंथन-2023 का हुआ शुभारंभ, कुलाधिपति की मौजूदगी में दो द्विवसीय वार्ता शुरू

By | July 8, 2023

 

ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर

*दस वरिष्ठ प्रोफेसर एवं 425 शिक्षा विद सहित देश के 37 विश्व विद्यालय कर रहे प्रतिभाग*

छत्रपति शाहूजी महाराज कानपुर विश्वविद्यालय (CSJMU) में शनिवार को शिक्षा मंथन 2023 का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कार्यक्रम की शुरुआत कर शिक्षा मंथन में आए सभी कुलपति और प्रोफेसरों का स्वागत किया। उन्होंने यह भी बताया कि जो काम हम करते हैं, उसमें थोड़ा बदलाव कर बहुत कुछ बदल सकते हैं। इससे छात्रों को भी बहुत सा शिक्षा दीक्षा में लाभ मिलेंगा।
उन्होंने यह भी बताया कि हमें अपने आपको पहचानने की जरूरत है। अगर हम मेहनत करें तो विश्वविद्यालय के स्वरूप को बदल सकते हैं। आज के छात्र कुछ नया करना चाहते हैं। अगर हम उनके साथ मिलकर अपने विचारों को साझा करें तो एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
विश्वविद्यालय सभी छात्रों को व्यस्त रखें कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने छात्रों को किसी न किसी काम में व्यस्त रखें। ऐसा नही तो वो आपके सामने एक न एक समस्या बनकर खड़े होंगे और वो प्रदर्शन करेंगे। अगर वह अपने काम में बिजी रहेंगे तो कभी ऐसा नहीं होगा। कभी कभी हम ऐसा भी सोचते हैं कि एक काम को पूरा कर ले उसके बाद दूसरा काम शुरू करें, जो कि गलत है। हम एक साथ कई कामों को कर सकते हैं। हमको बस सोच बदलने की जरूरत है। बच्चों को इतिहास से जोड़ने का काम करें
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दिनों कॉलेज और विश्वविद्यालय में योगा करने की सोच को भी बेहद महत्वपूर्ण बताया, बच्चों ने पानी के अंदर योगा करके दिखाया, जोकि लोगों की सोच से भी बहुत दूर था। हमें बच्चों को इतिहास से रूबरू कराना चाहिए। युवा योगा की तरफ बहुत उत्साहित है। उन्हें योगा के साथ साथ इतिहास के बारे में भी जानकारी साझा करें। एक साथ कई काम को हम ऐसे कर सकते हैं। योगा के कार्यक्रम में पूरे प्रदेश में 16 लाख युवाओं ने हिस्सा लिया है।
NAAC ग्रेड आने के बाद बड़ा बदलाव देखने को मिला
आनंदीबेन पटेल ने कहा कि जब NAAC की पहली बैठक हुई तो लोग बोलने में बहुत संकोच कर रहे थे, लेकिन जब NACC में ग्रेड आया तो दूसरी बैठक में लोगों के बोलने में बड़ा बदलाव दिखाई दे रहा था। विश्वविद्यालय में कई छात्र छात्राएं छोटी-छोटी चीज को लेकर परेशान होते हैं तो इसका भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। अगर कोई छात्र परेशान है तो टेबल से उठकर उसकी समस्या का समाधान करें ताकि वह व्यक्ति बाहर निकलकर अपने विश्वविद्यालय की तारीफ करें। लेकिन बहुतायत लोग पल्ला झाड़ते हुए बड़े आसानी के साथ बोलते कि यह मेरा काम नहीं है। जिस पर सुधार होना चाहिए और सभी को हेल्पिंग नेचर के साथ अपनी सीट पर होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जो भी एमओयू विदेश से हुए हैं वह आम नहीं है। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर हुई है। आने वाले समय में बहुत बड़ा काम होने वाला है।
चिंतन बैठक करें उन्होंने यह भी बताया कि सभी विश्वविद्यालयों को चिंतन बैठक करना चाहिए तभी सभी की बातें निकल कर सामने आएंगी, जब लोग अपने विचार रखेंगे तभी हम किसी चीज पर फैसला कर सकते हैं। हमें अपने विश्वविद्यालय को ऐसा बनाना है कि दूसरा विश्वविद्यालय देखने आए और जब देखने आए तो हमारा फर्ज है कि हम उनकी उंगली पकड़कर वैसे ही उनको भी चलना सिखाए, ताकि वह भी आगे पढ़कर काम कर सकें।