रायबरेली महोत्सव: सभ्यता और संस्कृति का अद्भुत संगम।

By | January 12, 2024

(ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती)

रायबरेली महोत्सव का शुभारंभ जीआईसी ग्राउंड में शंखनाद और मंत्रोच्चारण के बीच हुआ। कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य अतिथि उद्यान मंत्री दिनेश प्रताप सिंह जी द्वारा रायबरेली के संतों और गुरु जनों की पूजा अर्चना के साथ शुरू हुआ। रायबरेली के इन प्रमुख संतों में महामंडलेश्वर देवेंद्रनाथ गिरी जी महाराज, स्वात्मानंद जी महाराज, रामबचन दास जी महाराज, लक्ष्मण दास जी महाराज की गुरु वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

मुख्य अतिथि दिनेश प्रताप सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य रायबरेली की सभ्यता और संस्कृति को देश तथा विश्व पटल पर प्रतिबिंबित करना है। उन्होंने कहा कि रायबरेली में एक से बढ़कर एक प्रतिभाएं हैं जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए इस तरह के आयोजनों का होना आवश्यक है।

महोत्सव में लोकगीतों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का बोलबाला रहा। अयोध्या की टीम द्वारा फरुवाही लोक नृत्य का आयोजन किया गया। स्कूली बच्चों ने भी कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। लोक गायक कन्हैयालाल के गीत ने समा बांध दिया। आशाओं ने अपने सम्मेलन के माध्यम से सब को जागरूक किया। इसके उपरांत पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम पर बौद्धिक चर्चा की गई। कार्यक्रम में कर सेवकों को भी सम्मानित किया गया।

सियाराम नित्य वाटिका रागिनी श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत किया गया। आल्हा गायक काजल सिंह और रामरथ पांडे ने वीर रस की गीत सुनाए। सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम के अंतर्गत गीता राबरी ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं। महोत्सव का समापन आतिशबाजी के साथ हुआ। इस महोत्सव में रायबरेली के विभिन्न क्षेत्रों से हजारों लोग शामिल हुए। महोत्सव के सफल आयोजन के लिए जिला प्रशासन और आयोजन समिति की सराहना की जा रही है।

महोत्सव की कुछ प्रमुख विशेषताएं:

  • रायबरेली की सभ्यता और संस्कृति को देश तथा विश्व पटल पर प्रतिबिंबित करना।
  • रायबरेली की एक से बढ़कर एक प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना।
  • लोकगीतों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समावेश।
  • आशाओं के सम्मेलन और पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम पर बौद्धिक चर्चा।
  • कर सेवकों को सम्मानित करना।
  • सियाराम नित्य वाटिका रागिनी श्रीवास्तव और आल्हा गायक काजल सिंह और रामरथ पांडे की प्रस्तुतियां।
  • गीता राबरी की मनमोहक प्रस्तुतियां।

महोत्सव का प्रभाव:

रायबरेली महोत्सव ने रायबरेली की सभ्यता और संस्कृति को देश तथा विश्व पटल पर प्रतिबिंबित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस महोत्सव ने रायबरेली की एक से बढ़कर एक प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने में भी मदद की है। महोत्सव के माध्यम से लोगों को लोकगीतों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से रूबरू होने का अवसर मिला। आशाओं के सम्मेलन और पीएम स्वनिधि योजना के माध्यम से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम पर बौद्धिक चर्चा ने लोगों को प्रेरित किया। कर सेवकों को सम्मानित करने से लोगों में कर संग्रह के प्रति जागरूकता बढ़ी है। गीता राबरी की मनमोहक प्रस्तुतियों ने लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुल मिलाकर, रायबरेली महोत्सव एक सफल आयोजन रहा है जिसने रायबरेली की सभ्यता और संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।