यू पी. एस.टी.एफ को मिली बड़ी उपलब्धि, सेना की भर्ती प्रक्रिया की सूचिता भंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश

By | July 10, 2023

 

उत्तर प्रदेश से पंकज जोशी की रिपोर्ट;

एस०टी०एफ० उ०प्र० व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लखनऊ की संयुक्त कार्यवाही में भारतीय सेना में भर्ती हेतु आवश्यक मेडिकल टेस्ट पास कराने / पूर्णः कूटरचित नियुक्ति पत्र व अन्य कई तरीके से सेना की भर्ती प्रक्रिया की सूचिता भंग करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुये भारतीय सेना की कोर्ट आफ इन्क्यारी से भागे एक भगौड़ा सैनिक व मिशन डिफेन्स एकेडमी के प्रबन्धक को लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई ।

प्रकरण में पकड़े गये दोनो सैनिको की कोर्ट आफैँ इन्क्वाइरी प्रक्रिया के बाद सेना से कोर्ट मार्शल किया गया था। इस गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों के विषय में एसटीएफ व मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लगातार जानकारी एकत्रित कर ही थी। इस दौरान ज्ञात हुआ कि कमिश्नरेट के थाना क्षेत्र बिजनौर में मिशन डिफेन्स एकेडमी के प्रबन्धक द्वारा सेना के किसी सैनिक के साथ मिलकर भारतीय सेना में अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट पास करवाने / कूटरचित नियुक्ति पत्र जारी कर बड़े पैमाने पर धन उगाही का कार्य किया जा रहा हैं। प्रकरण में आये सैनिक के बारे में मिलिट्री इन्टेलीजेन्स लखनऊ के साथ जानकारी साझा करने पर ज्ञात हुआ कि वर्ष 2020 में हुये फर्जी भर्ती प्रक्रिया की कोर्ट ऑफ इनक्वाइरी में पवनराज नामक सैनिक का नाम प्रकाश में आया था। जिसके बैंक खाते में भर्ती प्रक्रिया से अवैध कमाई से प्राप्त 89 लाख रुपये प्राप्त हुये ज्ञात हुआ था। कोर्ट ऑफ प्रक्रिया के दौरान ही पवनराज भगोडा हो गया। जिनके विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही एवं गिरफ्तारी हेतु एसटीएफ मुख्यालय की टीमों के द्वारा की जा रही सर्तक निगरानी के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक श्री अमित कुमार नागर के पर्यवेक्षण में एस0टी0एफ0 मुख्यालय टीम द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही की जा रही थी।

अभिसूचना संकलन के माध्यम से ज्ञात हुआ कि दिनांक 07-07-2023 को संगठित गिरोह के सदस्य पवनराज अपने सहयोगी सहित इकोगार्डन, थाना आलमबाग कमिश्नरेट लखनऊ आने वाले हैं। यदि शीघ्रता किया जाय तो पकड़े जा सकते हैं। इस सूचना पर निरीक्षक दिलीप तिवारी, मु०आ० रुद्र नारायाण उपाध्याय, मु०आ० आशोक राजपूत, मु०आ० सन्तोष सिंह, मु०आ० अशोक गुप्ता, मु०आ० कौशलेन्द्र प्रताप सिंह, आ० विजय वर्मा व आ०चा० कुमदेश यादव व लखनऊ मिलिट्री इन्टेलीजेन्स की संयुक्त टीम कार्यवाही हेतु मुखबिर को साथ लेकर उसके बताये गये स्थान पर आवश्यक घेराबन्दी करते हुए उपरोक्त अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनके पास से उपरोक्त बरामदगी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्त ने पूछताछ पर अपना नाम पवनराज बताते हुये कहाँ कि वर्ष-2017 में मेरी आर्मी मेडिकल कोर लखनऊ पोस्टिंग के दौरान पूर्व से नियुक्ति बाला व स्वपनिल सन्तोष सूर्यवंशी से मेरी मुलाकात हुयी। मेरे द्वारा पूर्व से धोखाधड़ी कर रहे इस गिरोह मे शामिल होकर शारीरिक दक्षता पास मेडिकल टेस्ट मे अनफिट सैकड़ो अभ्यर्थियों को मेडिकल टेस्ट पास करवाकर उन्होने सेना में भर्ती कराने के नाम पर करोड़ो का फर्जीवाड़ा किया गया। चूंकि मेरे सहयोगी सूर्यवंशी व बाला कोर्ट मार्शल के बाद जेल चले गये और मेरे भी पीछे सेना व एसटीएफ लगी हुयी थी। जिसके कारण पूर्व की तरह अब मेरे द्वारा मेडिकल टेस्ट में अनफिट अभ्यर्थियों को पास कराने का कोई विकल्प नहीं बचा था। इसी दौरान मेरा सम्र्पक मिशन डिफेन्स एकेडमी प्रबन्धक सतीश यादव व इनके सहयोगियों से हुआ। हम लोगों ने नये तरीके से अभ्यर्थियो के साथ धोखाधड़ी करते हुये मिशन डिफेन्स एकेडमी नामक संस्थान के माध्यम से सैकड़ो अभ्यर्थियो से सम्र्पक कर प्रत्येक अभ्यर्थियों से 4-5 लाख ले लेते हैं। जिसमे तमाम बेरोजगार युवक देश भर के अलग-अलग राज्यों से आते हैं। हमारे द्वारा अभ्यर्थियों के पैसे को वापस मागने पर हमारे द्वारा डराया धमकाया जाता है कि अगर तुम लोगों के द्वारा पुलिस कार्यवाही की गयी तो तुम लोगों पर भी पुलिस कार्यवाही करेगी। इसी डर से ऐसे हजारो बेरोजगार लोगों द्वारा खुद के साथ धोखा होने पर कभी कानूनी कार्यवाही नही की जाती है। इसी क्रम में आज भी मै और सतीश तीन अभ्यर्थियों को फर्जी नियुक्ति पत्र व मेडिकल करवाने के नाम पर धोखा देने आये थे । नियुक्ति पत्र देते समय मै सेना की वर्दी इसलिये धारण करता हूँ कि सैन्यकर्मी को देकर लोग शीघ्र ही नियुक्ति पत्र पर विश्वास कर लेते है।

पूछने पर दूसरे अभियुक्त सतीश यादव ने बताया कि हम लोगों द्वारा तमाम भर्ती सेन्टरो पर दलालों व आनलाइन सोशल मीडिया के माध्यम से बेरोजगार युवकों से सम्पर्क बनाकर उन्हे सेना में भर्ती करवाने का प्रलोभन दिया जाता था। कोचिंग की आड़ में इस धोखाधड़ी का किसी को शक नही होता है और अधिक विश्वास में लेने हेतु मेरे साथी पवनराज बावर्दी इस कार्यवाही मे शामिल रहते है। माह अप्रैल में इन तीनों लड़कों को हमने अपनी कोचिंग में नियुक्ति पत्र देने हेतु बुलाया गया था। जहां हमने इनके मूल प्रपत्र व 10 हजार रूपये नगद ले लिया था ।