ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती –
नई दिल्ली- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के ग्रह जनपद गोरखपुर से सटेज़िले में नारी संरक्षण गृह की घटना को लेकर अब सुप्रीम कोर्ट के भी तेवर तीखे हो गए है। पहले बिहार के मुजफ्फरपुर फिर उत्तर प्रदेश के देवरिया ज़िले के आश्रय गृह में दुष्कर्म मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है। बिहार सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लब्ज़ों में फटकार लगाते हुए पूछा कि बालिका गृह चलाने वाले एनजीओ को फंड देने से पहले उसकी जांच क्यों नहीं करायी ? इसके बाद उत्तर प्रदेश के देवरीया की घटना के बारे में बोला की देश में ये सब क्या हो रहा है, आखिर ऐसा क्यों है ? और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
कोर्ट ने कहा कि बिहार में कई एनजीओ है, जो इस तरह की गतिविधियों में सम्मिलित हैं। साथ ही राज्य सरकार की ओर से फंड प्राप्त करने वाली ऐसी 15 संथाओं के बारे में बताया जो जाँच के दायरे में हैं। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एम बी लोकुर ने कहा कि देश में चारों तरफ बच्चियों से बलात्कार की खबरें आ रही हैं।
बता दे, महिलाओं के साथ बलात्कार मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले पायदान पर है, इसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है। नेशनल क्राइम रिकार्ड की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में 38947 महिलाओं का बलात्कार हुआ है। देश में बलात्कार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त से सख्त कार्यवाही करनी होगी। मामले की अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को होगी।

