एटा पुलिस कार्यालय पर कबरेज कर रहे पत्रकारों से पुलिस ने की दबंगई

By | June 9, 2021

 संवाददाता कुलान सोलंकी की रिपोर्ट

एटा एसएसपी कार्यालय पर कवरेज कर रहे पत्रकारों से वहां मौजूद पुलिस के जवानों ने अभद्रता की। वहीं बड़े बड़े खुलासों का दावा करने वाली एटा पुलिस पीड़ितों और फरियादियों के मामलों में कितनी गम्भीर हैं | यह तो थाना और वरिष्ठ अधिकारियों के कार्यालयों के बीच फ़ुटबाल बने फरियादियों को देख स्पष्ट होता हैं। लेकिन दुर्भाग्य है कि एटा पुलिस इन हालातों पर काबू करने के बजाये सच्चाई का खुलासा करने वाले पत्रकारों की कलम पर अंकुश लगाने के लिये हिटलरशाही पर उतारू हैं। मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय आये पीड़ित फरियादियों की पीड़ा सुनते और समाचार संकलन करते कई पत्रकारों से कार्यालय पर तैनात पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ अभद्रता की बल्कि प्रेस कार्य में व्यवधान डाल कर सच्चाई पर पर्दा डालने का प्रयास किया। जिसको लेकर पत्रकारों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया और उन्होंने मामले की शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिहं और अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिहं से की। मामले से सम्बन्धित चर्चा और पीड़ितों की पीड़ा व आरोपों का उल्लेख करें तो थाना निधौली कला के एक गाँव निवासी महिला का आरोप हैं कि उसकी नावालिग़ पुत्री एक माह पूर्व से गायब हैं। पीड़िता ने आशंका जाहिर करते हुये गाँव के ही तीन नामजदों पर अपहरण करने की सूचना भी पुलिस को दी। जिस पर थाना पुलिस ने दो आरोपियों को थाने में दो दिन तक बंद रख कर छोड़ दिया। लेकिन उसकी नाबालिग पुत्री को बरामद करने के प्रयास नहीं किये और न ही उसकी रिपोर्ट दर्ज की। इसके अलाबा एक अन्य मामले में आये पीड़ित संजू पुत्र नत्थू खां निवासी नगला पोता थाना कोतवाली नगर का आरोप हैं। कि 4 जून की सुबह उसे व उसके परिवार के सदस्यों और बेजुवान भेंस को मोहल्ले के ही दबंगों ने लाठी डंडो और लोहे की रॉड से गम्भीर घायल कर दिया था। पुलिस ने घायलों का चिकित्सीय परिक्षण भी कराया लेकिन आज तक उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी। पीड़ित का आरोप हैं कि घटना के बाद से घायल परिजनों सहित कोतवाली नगर के चक्कर लगा रहा हैं। लेकिन रिपोर्ट दर्ज न होने पर वह न्याय की उम्मीद लेकर मंगलवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की शरण में पहुंचा तो उसे एसएसपी के समक्ष पेश होने से तैनात स्टाफ ने रोक दिया। इतना ही नहीं न्याय की उम्मीद लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंचे इन पीड़ितों ने जब अपनी समस्या पत्रकारों के समक्ष रखी तो तैनात दरोगा राकेश कुमार और दो अन्य सिपाहियों ने पत्रकारों से अभद्रता करते हुये उन्हें समचार संकलन करने से रोका। घटना से आक्रोशित हुये पत्रकारों ने इसकी मौखिक शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और अपर पुलिस अधीक्षक से की हैं और कार्रवाई न किये जाने पर उत्तर प्रदेश पुलिस प्रमुख से लिखित शिकायत करने का निर्णय लिया हैं |

 

Category: Uncategorized

Leave a Reply