कुम्हार के चाक ने पकड़ी तेजी बनने लगे मिट्टी के दीपक

By | October 21, 2022

 

ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर नगर/देहात

*ग्रामीण क्षेत्रों में बनने लगी दियाली व मूर्तियां*

*गणेश लक्ष्मी की मूर्तियों को अंतिम रूप देने में जुटे कारीगर*

कानपुर देहात, जिले में रोशनी के पर्व दीपावली के त्योहार में अब तीन दिन समय शेष बचा है। दीपावली पर बिकने वाले मिट्टी के दीपक बनाने में कुम्हार दिन रात एक किए हैं। मिट्टी को चाक पर काटकर उसके चंद मिनटों मे अलग-अलग आकार देना कुम्हारों की विशेष कला है। दरअसल दीपावली पर घर,दुकान व प्रतिष्ठानों में घी का दीपक जलाने का रिवाज पुराना है।

ऐसी मान्यता है कि दीपावली की रात धन की देवी लक्ष्मी भ्रमण करती है लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए लोग घर दुकान व प्रतिष्ठानों में घी के दीपक जलाकर रोशन करते हैं। इसके चलते मिट्टी के दीपक तैयार कराने का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है।
रोशनी के पर्व दीपावली पर लोग मिट्टी के दीपक जलाकर घरों व मंदिरों को रोशन करते थे। उस समय दीपावली आते ही कुम्हारों की बस्तियों में चहल पहल तेज हो जाती थी। पहले करवे व बाद में मिट्टी के दीपक बनाने का काम बड़े पैमाने पर चलता था।

कुम्हारों को इस सीजन में पल भर के लिए बैठने की फुर्सत नहीं मिलती थी,लेकिन कुछ वर्षों से इलेक्ट्रानिक झालरों ने इन दीपकों की जगह ले ली। इसके चलते लोग महज पूजन के लिए मिट्टी के दीपक की खरीद करने लगे। इससे कुम्हारों में निराशा का माहौल बना था। पिछली साल दीपावली पर चाइनीज इलेक्ट्रानिक झालरों के बहिष्कार की मुहिम तेज हुई तो कुम्हारों को व्यवसाय के बेहतर होने की उम्मीद जगी थी। इस बार भी दीपावली में मिट्टी के दीपकों की श्रृंखला सजाने की लोगों की आवाज बुलंद होने से अकबरपुर, रूरा , रसूलाबाद ,शिवली, डेरापुर, मैंथा, सिकंदरा, भोगनीपुर सहित समेत विभिन्न कस्बों व शहरी क्षेत्रों में मिट्टी के दीपक बनाने के काम में तेजी आ गई है। कुम्हारों की बस्तियों में माटी की सोंधी खुशबू के साथ चाक दिन रात घूम रहे हैं।
भारत में त्योहारों के मनाए जाने की अपनी एक अलग प्रथा है इस परंपरा को बनाए रखने के लिए यहां के लोग सभी धर्मों में अपने-अपने त्योहारों को बड़ी खुशी और उत्साह के साथ मनाए जाने में लग जाते हैं वही अपने परिवार व बच्चों के साथ इन त्योहारों को हंसी खुशी के साथ मनाने की अपनी एक अनूठी परंपरा है उन्हीं त्योहारों में से एक दीपावली का त्यौहार भी अपना एक अलग महत्व रखता है इस त्यौहार में गरीब अमीर एवं सभी धर्मों के लोग एकजुट होकर त्योहारों को गंगा जमुनी तहजीब के साथ आज भी मना रहे हैं।