एक कोशिश ऐसी भी…
एक कोशिश ऐसी भी… तीन लावारिस शवों की सेवा… होती है मुझ पर रोज तेरी रहमतों के रंगों की बारिश ,मैं कैसे कह दूं, मेरे विधाता हम सब पे तेरी महर नही है !! एक कोशिश ऐसी भी… जैसा कि संस्था की टैगलाइन है कि किसी भी वास्तविक सेवा के लिए संपर्क करें। इसी क्रम… Read More »
