प्रिंट मीडिया के लिए कहीं डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने बड़ी बात

By | December 23, 2022

(मनीष गुप्ता, editor-in-chief समाचार भारती)

 

प्रिंट मीडिया के बिना सामाजिक जन चेतना संभव नहीं : ब्रजेश पाठक

आज चरम पर है राष्ट्रवादी पत्रकारिता : राज्य सूचना आयुक्त

लखनऊ जनहित जागरण परिवार ने मनाया 28वां स्थापना दिवस

लखनऊ।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों में उस वक़्त जोश भर दिया जब उन्होंने कहा सबसे कठिन कार्यों में गिने जाने वाला अगर कोई काम है तो वह पत्रकारिता है आज के वक्त में प्रिंट मीडिया ही एक माध्यम है सामाजिक जनचेतना को संभव करने के लिए. डिप्टी सीएम बृहस्पतिवार को जनहित जागरण के 28 वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। साथी शहर के तमाम वरिष्ठ पत्रकारों ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया. उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट किया की जनसंचार माध्यमों के बिना आगे सामाजिक जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती ऐसे में जरूरी है कि हम जनसंचार माध्यमों से प्रसारित होने वाली सूचनाओं को सकारात्मक ढंग से ले और लोगों को जागरूक करें, ऐसे में यह जरूरी है कि हम जनसंचार माध्यमों से प्रसारित और प्रकाशित सामग्री को निष्क्रिय तरीके से ग्रहण करने के बजाए उसे सक्रिय तरीके से सोच-विचार करके और आलोचनात्मक विश्लेषण के बाद ही स्वीकार करें।

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में जिस ढंग से इस हाईटेक युग में हम ताजा समाचार अपने मोबाइल में पढ़ना चाहते हैं। लेकिन जब उन समाचारों की विश्वसनियता की बात सामने आती है तो प्रिंट मीडिया को ही इस कासौटी पर खरा माना जाता है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि मैं जानता हूँ कोई भी पत्रिका व अखबार का प्रकाशन करना कितना कठिन होता है। मुझे पूरा भरोसा है कि मीडिया कर्मी अपनी भूमिका को निभाते हुए प्रदेश के विकास में सरकार की मदद करेंगे।

विशिष्ट अतिथि के रुप में मौजूद राज्य सूचना आयुक्त सुभाष सिंह ने कहा कि अटलजी केवल राजनेता नहीं थे बल्कि कवि व प्रखर पत्रकार भी थे। संघ के प्रचारक के नाते संघ ने उनको जो भी दायित्व दिया उन्होंने उसको बखूबी निभाया। 1948 में अटल जी को राष्ट्रधर्म के संपादक का दायित्व सौंपा गया। जिस पत्रकारिता की नींव अटल जी ने रखी थी वो आज देश में छाई हुई है। सत्य का पक्ष सबसे बड़ा पक्ष होता है, वही निष्पक्ष है। उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया पहले भी महत्वपूर्ण था और आज भी है। आज भी पाठक अखबार में सत्य खोजता है। सोशल मीडिया व डिजिटल मीडिया ने पत्रकारिता की भाषा बदल दी है। जिसमें सत्य खोजना बड़ा मुश्किल है। आजादी के पहले भी पत्रकारिता एक तरफा संवाद थी, विरोध की आवाज कम थी। आज राष्ट्रवादी पत्रकारिता चरम पर है, सोशल मीडिया ने सभी को बदल दिया है। प्रिंट मीडिया हिंदी पत्रकारिता की रीढ़ है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार व वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार, शाश्वत तिवारी, योगेश श्रीवास्तव, आशीष मिश्र, रतिभान त्रिपाठी, एसपी सिंह, विजय त्रिपाठी, आलोक त्रिवेदी, गंगेश मिश्र, तनवीर फतिमा, अश्वनी कुमार यादव, मनीष श्रीवास्तव सहित कई अन्य पत्रकार, कवि, समाजसेवी को सम्मानित किया गया। अन्य विशिष्ट अतिथि में सदस्य विधान परिषद पवन सिंह चौहान, लखनऊ जनहित जागरण के प्रधान संपादक शैलेश कुमार सिंह ‘शैलू‘, सम्पादक केके सिंह कृष्णा सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।