ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर
कागजों पर गांव ओडीएफ और सुपर कांप्लेक्स में लटक रहा ताला
गंदगी में बरात साला एवं खराब हैंडपंप खोल रहे विकास कार्यो की पोल
गंदगी से बजबजाती नालियां व कूड़े के अंबार खोल रहे सफाई की पोल
कानपुर, सरकार भले ही स्वच्छ भारत मिशन को लेकर लाख दावे करती हो लेक़िन वहीं आला अधिकारियों की ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही है, यूपी सरकार करोड़ों रुपए की योजनाओं से गांवो को साफ सुथरा बनाने का लगातार प्रयास भले ही कर रही हो। लेकिन वहीं ग्राम पंचायतों के जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से गांव में विकास कार्यो की योजनाएं दम तोड़ती नजऱ आ रही है। ऐसा ही एक गांव बानगी के तौर पर कल्याणपुर ब्लॉक के रैकेपुर गांव में शासन की महत्वपूर्ण योजनाएं दम तोड़ते नजर आ रही हैं। वहां की ज़मीनी हक़ीक़त तो इस प्रकार है कि पूरे गांव में कई खराब पड़े जर्जर हालत में हैंडपंप, और तो और पूरी तरह से बेकार पड़ी बरात साला, वहीं पर बनी महिला सुपर कांप्लेक्स में ताला बन्द, समूचे गांव में बजबजाती नालियां, गांव के अंदर लगे गंदगी के ढेर विकास कार्यों की पोल खोलते नजऱ आ रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार आला अधिकारियों का उस ओर कोई ध्यान तक ही नहीं है।

शासन ग्रामीण अंचल के लोगों को करोड़ों रुपए खर्च कर सामुदायिक बारातसाला के साथ साथ महिला सुपर कांप्लेक्स आदि बनवाकर सुविधाएं प्रदान करने का काम तो जरूर कर रही है। लेकिन इसी के साथ स्वच्छ पेयजल के लिए गांव-गांव में हैंडपंप व उनकी मरम्मत एवं स्थापना का कार्य भी चलता रहता है। लेकिन आपको यह हक़ीक़त से दो चार करना बेहद ज़रूरी होता है कि जब कल्याणपुर ब्लॉक के रैकेपुर गांव में शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओ में सरकार के आलाधिकारी ही बेख़ौफ़ होकर काग़जी कुछ और, वहीं ज़मीनी हक़ीक़त कुछ और ही दर्शा रहे है।
सुपर कांप्लेक्स में बन्द ताला
शासन ने ग्रामीण अंचल के लोगों को खुले में शौच जाने से रोकने के लिए गांव-गांव सुपर कांप्लेक्स का निर्माण कराया है लेकिन अनदेखी के चलते गांव में बने सुपर कांप्लेक्स में तालाबंदी के शिकार हैं। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि कल्याणपुर ब्लाक के रैकेपुर गांव में बने सुपर कांप्लेक्स में निर्माण के बाद से ताला लटक रहा है ग्रामीणों को इसका कोई उपयोग नहीं मिल रहा है। इससे सुपर कांप्लेक्स परिसर में बड़ी-बड़ी घास उग आई है और लाखों की इमारत उपयोग के बिना बन्द पड़ी ख़राब हो रही है।
गांव में बरातशाला बन गई मवेशी घर
शासन की ओर से गांव में रहने वाले ग़रीब लोगों को अपनी बहन बेटी की शादी के कामकाज एवं अन्य कार्यक्रमों को करने के लिए लाखों रुपए खर्च कर करीब एक दशक पूर्व सामुदायिक बरातसाला का निर्माण कराया गया था। लेकिन पंचायत के जिम्मेदारो द्वारा बारात साला की देखरेख न किए जाने से दरवाजे, खिड़की, व उसमें पड़ी गंदगी, बरात शाला में गड़े खूंटे बता रहे कि लोग मवेशी बांध रहे हैं उसके अंदर व्यापक पैमाने पर फैली पड़ी गंदगी रखरखाव की पोल खोल रही है। वही पुरानी इमारतों को कायाकल्प योजना से सवारने के निर्देश भी दम तोड़ रहे हैं लेकिन जिम्मेदार लोग इसे दुरुस्त कराने के प्रति संवेदनहीन दिखाई पड़ रहे हैं।
गांव में खराब पड़े हैंडपंप
गर्मी का मौसम आते ही हैंड पंप में पानी आना कम हो जाता और पीने के पानी का संकट बढ़ जाता है। इसके कारण गांव के आधा दर्जन से अधिक हैंडपंप खराब पड़े हैं। मरम्मत के नाम पर कई जगह के हैंडपंप की मशीन ही नही है लेकिन महीनों गुजरने के बावजूद भी उन्हें ठीक नहीं कराया गया है जिससे हैंडपंप ठूट बने खड़े हैं। परिवार कल्याण केंद्र के सामने का हैंड पंप विगत 1 वर्ष से खराब पड़ा है। इसी के साथ गांव के कई हैंडपंप मरम्मत का इंतजार कर रहे हैं लिटिल ग्राम पंचायत सचिव मनमानी पर उतारू है इससे लोगों को पेयजल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गांव में बजबजा रही नालियां गंदगी के लगे ढेर
रैकेपुर गांव में साफ़ सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है सफाई कर्मचारी के द्वारा नियमित काम न किए जाने से गांव की नालियां गंदगी से भरी पड़ी हैं तथा गांव के अंदर व बाहर मुख्य सड़कों के किनारे गंदगी के बड़े-बड़े ढेर लगे इससे सरकार का स्वच्छ भारत अभियान दम तोड़ता नजऱ आ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि सफाई कर्मचारी प्रधान के दरवाजे के आसपास सफाई करके अपने दायित्वों को पूरा कर रहा है जबकि पूरे गांव में गंदगी का साम्राज्य व्याप्त है। गंदगी से पनपने वाली बीमारियां व उससे निकलते लारवा जनित मच्छर ग्रामीणों पर हमला बोल बीमारियां बांट रहे हैं।
इस बाबत जिला पंचायत राज अधिकारी कमल किशोर ने बताया कि मामले की जानकारी नहीं है गांव का औचक निरीक्षण कर कार्रवाई की जाएगी।
