जेनेटिकली मोडीफाइड बीज के संबंध में केंद्र नीतिगत निर्णय ले – कमलनाथ

By | August 16, 2019

मुम्बई/भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह जेनेटिकली मोडीफाइड बीज के संबंध में नीतिगत निर्णय ले ताकि भारत ऐसी टेक्नालाजी अपनाने में पीछे नहीं रह जाये जो पूरे विश्व को बदल रही है। इससे भारत का बहुत बड़ा नुकसान हो जायेगा। उन्होंने अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम में सुधार लाने की भी वकालत की जिससे किसानों के हित में अप्रत्याशित परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके।

शुक्रवार को मुम्बई में नीति आयोग की गठित भारत के कृषि परिदृष्य के कायाकल्प के लिये मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार समिति की बैठक में संबोधन देते हुए मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अपने सुझाव दिये । उल्लेखनीय है कि भारतीय कृषि का कायाकल्प करने के उद्देश्य से नीति आयोग राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उच्चाधिकार समिति बनाई है। मुख्यमंत्री श्री कलम नाथ इसके सदस्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि न सिर्फ आर्थिक बल्कि सामाजिक मुददा भी है। उन्होंने कहा कि किसानों की सोच में बदलाव आया है। धोती पहनने वाले किसान और आज के पेंट जींस पहनने वाले किसान के नजरिये में फर्क है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के किसान अमेरिका, यूरोपियन यूनियन की व्यवस्थाओं से मुकाबला नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार संगठन से हुए समझौतों के चलते किसी भी प्रकार का कृषि आयात किसानों के हित में नहीं है। उन्होंने किसानों के हित में जैविक खाद्यान्न के संकुलों की पहचान कर इसकी मार्केटिंग करने की जरूरत बताई।

कमल नाथ ने सुझाव दिया कि खाद्य प्रसंस्करण की संभावनाओं वाले क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें भरपूर सहयोग देने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को कीमतों का आकलन करके कृषि आदान का ब्रांड चुनने की आजादी होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों, किसान उत्पादन संगठनों, व्यापार सोसायटी और बाजार के बीच परस्पर सामंजस्य और तालमेल बैठाना होगा। उन्होंने कहा कि उपार्जन माडल को भी सुधारने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने खेती में यंत्रीकरण को बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि कृषि क्षेत्र में जीआईएस/जीपीएस जैसी आधुनिक तकनीकी का भी उपयोग से लाभ होगा।

मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश के कृषि क्षेत्र में किए गए सुधारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों के उत्पाद संगठनों को लाइसेंस और संचालन संबंधी जरूरतों को शिथिल किया गया है ताकि उन्हें बेहतर दाम मिल जायें। सिंगल लाइसेंस और मंडियों के बाहर भी खरीदी करने की अनुमति दी गई है। नीलामी के लिये इलेक्ट्रानिक प्लेटफार्म स्थापित करने का काम चल रहा है।

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