वायनाड। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस महीने दूसरी बार अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में राहत शिविरों का दौरा किया. इस क्षेत्र में बारिश और भूस्खलन के कारण बड़े स्तर पर तबाही हुई है. चार दिनों के दौरे पर आये गांधी ने चुनगाम और वलाड के शिविरों में लोगों को राहत सामग्री वितरित की और उनकी परेशानियों को सुना. कुछ लोगों ने कहा कि उनके मकान नष्ट हो गये और जमीन पानी में डूब गयी जबकि कुछ अन्य लोगों ने शिकायत की कि राज्य सरकार द्वारा भेजी गयी 10 हजार रूपये की प्रारंभिक राहत राशि उन तक नहीं पहुंची है.
गांधी ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह राज्य सरकार से फिर अनुरोध करेंगे कि प्रभावित परिवारों तक सभी आवश्यक सहायता पहुंचायी जाए. इसी दौरान एक महिला ने रोते हुए बताया कि राहत शिविर से वापस जाने पर उसके पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है. लोगों ने उन्हें यह भी बताया कि शिविर से जाने के बाद उनके बच्चों के लिए स्कूल जाना मुश्किल है क्योंकि आपदा के कारण उन्होंने अन्य सामान के साथ साथ बच्चों की किताबें, बस्ते भी गंवा दिये हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल लोगों की बातों का अनुवाद कर गांधी को सुना रहे थे. जींस और सफेद टीशर्ट पहने गांधी का लोगों ने नारे लगाकर स्वागत किया.
I’m in my parliamentary constituency, Wayanad, for the next few days, visiting flood relief camps and reviewing rehabilitation work in the area. Much has been accomplished, but there’s so much more that still needs to be done. pic.twitter.com/XmibDD524V
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 27, 2019
कन्नूर एयरपोर्ट पर पहुंचे गांधी मंगलवार और बुधवार को मनाथवाडी, सुल्थान बाथेरी और कालपेट्टा में लोगों से मिलेंगे और राहत शिविरों में जाएंगे. कांग्रेस सांसद 29 और 30 अगस्त को कोझिकोड और मल्लापुर विधानसभा क्षेत्रों में राहत शिविरों का दौरा करेंगे. दोनों विधानसभा क्षेत्र वायनाड संसदीय क्षेत्र के तहत आते हैं. गांधी इस माह के शुरू में भी अपने संसदीय क्षेत्र में आये थे. वायनाड और मल्लापुरम जिले में भारी वर्षा और बाढ़ के कारण कई भूस्खलन हुए. भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण करीब 125 लोगों की जान गयी. मल्लापुरम में वर्षा जनित घटनाओं में 60 लोगों की जानें गयी जबकि पड़ोसी वायनाड जिले में 14 लोगों की मौत हुई.
