ब्यूरो रिपोर्ट :
उत्तर प्रदेश चुनाव में पूर्वांचल ने दलबदलुओं को करारा संदेश देकर ये समझा दिया कि पार्टी बदलने से कुछ नहीं होता, प्रत्याशी का किरदार मजबूत होना चाहिए. जी हां, बनारस से जुड़े पूर्वांचल की 61 सीटों में सिर्फ 2 को छोड़कर बाकी सभी दलबदलू माननीय हार गए. जीतने वाले 2 माननीय में पहले वाराणसी की सुरक्षित सीट अजगरा के त्रिभुवन राम है. \
त्रिभुवन राम पहले बसपा से विधायक थे और इस बार भाजपा की टिकट पर विधायकी जीते. दूसरे चेहरे हैं दारा सिंह चौहान. चुनाव के ऐलान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ भाजपा छोड़कर सपा में आए दारा सिंह चौहान ने मऊ की घोसी सीट से जीत दर्ज की. इनके अलावा पूर्वांचल में सभी दलबदलुओं को शिकस्त झेलनी पड़ी.
बलिया के आंकड़े को देखें तो बसपा से भाजपा में छट्टू राम, भाजपा से बसपा में आए प्रवीण प्रकाश, सपा से बसपा में गए सुभाष यादव, भाजपा छोड़ वीआईपी पार्टी से लड़े विधायक सुरेंद्र सिंह के साथ जितेंद्र तिवारी, अजय पांडेय, अवलेश सिंह को भी हार का मुंह देखना पड़ा.
इसी तरह आजमगढ़ से पूर्व विधायक शाह आलम, विधायक वंदना सिंह, डॉ पीयूष यादव हारे. शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली दो बार बसपा से विधायक रहे हैं. इस बार भी मुबारकपुर सीट से एआईएमआईएम की टिकट पर लड़े लेकिन शिकस्त झेलनी पड़ी.
वहीं जौनपुर से सुषमा पटेल, अजय शंकर दुबे, दिनेश शुक्ला को शिकस्त मिली. मऊ से उमेश पांडेय तो चंदौली से पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह और छब्बू पटेल को भी हार का झटका लगा. भदोही की ज्ञानपुर सीट से बाहुबली विधायक विजय मिश्रा भी निषाद पार्टी छोड़कर प्रमासपा से लड़े लेकिन जमानत भी नहीं बची.
