राज्य में वायुयानों की मेन्टेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल सुविधाओं के विकास के सम्बन्ध में नीति अनुमोदित

By | June 29, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ, 

मंत्रिपरिषद ने राज्य में वायुयानों की मेन्टेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल (एम0आर0ओ0) सुविधाओं के विकास के सम्बन्ध में नीति को अनुमोदित कर दिया है।

ज्ञातव्य है कि नागर विमानन क्षेत्र में निरन्तर हो रहे विकास एवं प्रसार के दृष्टिगत एक अनुकूल वातावरण बनाये जाने हेतु प्रदेश में मेंटेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल (एम0आर0ओ0) हब्स की स्थापना की आवश्यकता है। नागर विमानन क्षेत्र में प्रचालन हेतु उपयोग में आने वाले हवाई जहाजों की मेंटेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल एक सतत और समयबद्ध प्रक्रिया है। भारत में एम0आर0ओ0 की स्थापना न होने के कारण वायुयानों को मरम्मत के लिए देश के बाहर सिंगापुर, दुबई आदि स्थानों पर भेजा जाता है,

जहां पर हवाई जहाजों के मरम्मत में एक तरफ धन एवं फॉरेन एक्सचेंज का व्यय होता है, वहीं दूसरी तरफ अधिक समय भी लगता है।
उत्तर प्रदेश में एम0आर0ओ0 की स्थापना के व्यापक सम्भावनाएं हैं। वर्ष 2026 तक देश में लगभग 01 हजार नये वायुयानों को क्रय किये जाने की सम्भावनाएं है। सम्प्रति भारत में एम0आर0ओ0 से सम्बन्धित कतिपय कम्पनियांे द्वारा हैदराबाद और बैंगलुरू में छोटे-मोटे मरम्मत के कार्य किये जाते हैं।

वायुयानों की मेन्टेनेंस, रिपेयर एण्ड ओवरहॉल (एम0आर0ओ0) सुविधाओं के विकास के सम्बन्ध में नीति के प्रख्यापन से प्रदेश में एम0आर0ओ0 की स्थापना होगी, जिससे राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। साथ ही, बड़ी संख्या रोजगार के सृजित होंगे। प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। वायुयानों की मरम्मत पर अपेक्षाकृत कम धनराशि व्यय होगी। साथ ही, समय एवं फॉरेन एक्सचेंज की बचत होगी। इससे देश व प्रदेश की जी0डी0पी0 पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

एम0आर0ओ0 के अन्तर्गत वायुयानों से सम्बन्धित विभिन्न गतिविधियां वर्णित हैं। इनमें एयरक्राफ्ट हैवी मेन्टेनेंस, इंजन मेन्टेनेंस एण्ड ओवरहॉल, कॉम्पोनेन्ट रिपेयर तथा लाइन मेन्टेनेंस सम्मिलित हैं।