नई दिल्ली। अनुच्छेद 370 के विशेष प्रावधान हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में तनावपूर्ण हालात के बीच एलओसी से सटे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कोटली, रावलकोट, बाघ और मुजफ्फराबाद में 10 से ज्यादा आतंकी शिविर सक्रिय हो गए हैं.
खुफिया सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आतंकी गुटों की सक्रि यता पाकिस्तानी सेना के सहयोग से बढ़ी है. इसे देखते हुए भारतीय सुरक्षाबलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि जैश, लश्कर और तालिबान के लगभग 150 आतंकी कोटली के निकट फागूश और कुंड शिविरों और मुजफ्फराबाद क्षेत्र में शवाई नल्लाह और अब्दुल्लाह बिन मसूद शिविरों में इकट्ठे हुए हैं.
सूत्रों के अनुसार, पाक प्रधानमंत्री इमरान खान ने दो दिन पहले संसद के संयुक्त सत्र में कहा था कि भारत में अगर दोबारा पुलवामा जैसा हमला होता है तो इसके लिए इस्लामाबाद जिम्मेदार नहीं होगा. इमरान का यह बयान जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और आईएसआई के हैंडलर्स को आतंकी शिविरों को दोबारा सक्रिय किए जाने छूट देने जैसा है.
रक्षा मंत्रालय में उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि इस समय घाटी में मौजूद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल अनंतनाग के बाजार भी गए और आम लोगों से चर्चा की. उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की.
बैठक में इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) के निदेशक अरविंद कुमार, जम्मू- कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे. एनएसए ने जम्मू-कश्मीर पर सरकार के साहसिक निर्णयों के बाद सुरक्षा रणनीति तथा सीमा पार से आतंकी खतरों पर चर्चा की.
