ब्यूरो रिपोर्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यूक्रेन में सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरा सरकारी तंत्र 24 घंटे काम कर रहा है.
साथ ही उन्होंने कहा कि भारत पड़ोसी और विकासशील देशों के उन लोगों की भी मदद करेगा, जो पूर्वी यूरोप के युद्धग्रस्त देश में फंसे हैं. विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री ने एक उच्च स्तरीय बैठक में यह टिप्पणी की.
उधर, चीन केवल अपने छह हजार नागरिकों को निकाल अपना अभियान रोक दिया कि माहौल सही नही है. इसके अलावा अमेरिका ने 900 कर्मचारियों को निकाला और बोला कि सभी सीमा देशों में अपने रिस्क पर जाएं वहाँ संभव हुआ तो आपकी मदद की जाएगी.
वहीं, ब्रिटेन, जर्मनी, मिस्र, मोरक्को और नाइजीरिया ने अपने नागरिकों के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, लेकिन उन्हें निकालने का कोई इंतजाम नहीं किया. कुछ देशों ने अपने नागरिकों को दूसरे सीमावर्ती देशों तक पहुंचने के लिए कहा है. यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के मामले में अमेरिका ने सक्षम नहीं होने की बात कही है.
उधर, ब्रिटेन ने अपने नागरिकों से कहा कि वे यूक्रेन की एडवाइजरी ही मानें. बता दें कि जर्मनी ने तो अस्थायी तौर पर अपना दूतावास ही बंद कर दिया है.
