ब्यूरो रिपोर्ट;
देश में 2016 में शुरू हुआ था स्मार्ट सिटी मिशन. हजार करोड़ का बजट लेकिन इसके मूल कार्य पीछे छूटे गए हैं और अब बजट नेताओं की सिफारिश पर मंदिर-मस्जिद के नए कार्यों व राजभवन, विधानसभा में खपाया जा रहा है यानी पैसे नेताओं की मनमानी पर खर्च हो रहे हैं. अब स्मार्ट सिटी मिशन 2 साल के लिए जून 2023 तक एक्सटेंशन पर है.
वैसे 198 करोड़ के 20 काम टेंडर प्रक्रिया में हैं, लेकिन 170 करोड़ के काम फेल होने से शुरू होने के बाद अधर में ही बंद किए गए. इनमें स्मार्ट सड़कें (जिनमें ड्रेनेज, सीवरेज, फुटपाथ, मीडियन जैसे काम) शामिल थीं. इसके अलावा मुख्य पहचान हेरिटेज बाजार-बरामदे और गलियों के काम भी पूरे नहीं हुए. अब स्मार्ट सिटी मिशन के दो साल के एक्सटेंशन में 573 करोड़ रुपए के 85 प्रोजेक्ट पूरे करने का चैलेंज है.
जयपुर में इस मिशन के हजार करोड़ के कुल बजट में से 130 करोड़ रु. तो सिर्फ ऑफिस खर्च, कंसल्टेंसी और जीएसटी में खर्च हुए हैं. अब जो 870 करोड़ रु. बचे हैं, उससे 5 साल में 254 करोड़ के 34 काम ही पूरे हुए हैं, जबकि शहर के कुल 126 कार्य प्लान किए गए हैं यानी 376 करोड़ के 65 काम अब भी अधूरे हैं.
विधानसभा में बने रहे ‘हाइटेक डिजिटल म्यूजियम’ में अभी तक सभी 13 सीएम की मूर्तियां लगाने का निर्णय था. अब यहां विधानसभा अध्यक्ष की मीटिंग के दौरान सभी 17 अध्यक्षों की मूर्तियां भी लगाने का निर्णय हुआ है. इससे खर्च बढ़कर 16 करोड़ तक पहुंचेगा. म्यूजियम का काम पहले से देख रही अहमदाबाद की एजेंसी को ही यह एक्सटेंशन मिला है.
