इंदौर में 31 और भोपाल में 27 किलोमीटर लंबी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए नई दिल्ली में हुआ एमओयू

By | August 19, 2019

इंदौर। इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए सोमवार को नई दिल्ली में भारत सरकार, मध्यप्रदेश सरकार और मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के बीच एमओयू हुआ। एमओयू पर केन्द्रीय शहरी और आवास मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और मप्र के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने हस्ताक्षर किए। मेट्रो प्रोजेक्ट को केन्द्रीय मंत्री-मंडल द्वारा पहले ही अनुमोदित किया जा चुका है। इंदौर और भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट का प्रथम चरण साल 2022 के अंत या 2023 के प्रारंभ तक पूरा हो सकेगा।

नगरीय विकास एवं आवास मंत्रीसिंह ने बताया कि इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 31.55 किलोमीटर की रिंग लाइन बनेगी। यह बंगाली चौराहा से विजयनगर, भंवरासला, एयरपोर्ट होते हुए पलासिया तक जाएगी। इसकी कुल लागत 7500 करोड़ 80 लाख रुपए है।

वहीं भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में 27.87 किलोमीटर में दो कॉरिडोर बनेंगे। एक कॉरिडोर करोंद सर्कल से एम्स तक 14.99 किलोमीटर का और दूसरा भदभदा चौराहे से रत्नागिरि चौराहा तक 12.88 किलोमीटर का होगा। इसकी कुल लागत 6941.40 करोड़ रुपए है।

प्रोजेक्ट में आने वाली कठिनाइयों के जल्द निराकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी में संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव भी शामिल होंगे। प्रोजेक्ट में सुरक्षा का प्रमाण-पत्र मेट्रो रेलवे सेफ्टी के कमिश्नर द्वारा प्रदान किया जाएगा।

मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन करेगा क्रियान्वयन
भारत सरकार और मप्र सरकार की आधा-आधा हिस्से वाली ज्वाइंट वेंचर कंपनी मप्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा इंदौर और भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जाएगा। कंपनी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) के रूप में कार्य करेगी। कंपनी का एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा। इसमें 10 डायरेक्टर होंगे। भारत सरकार बोर्ड के चेयरमेन सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी। प्रदेश सरकार मैनेजिंग डायरेक्टर सहित 5 डायरेक्टर नामित करेगी।

सरकार लेगी ऋण
प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार भूमि अधिग्रहण, पुर्नस्थापन और पुनर्वास में आने वाला पूरा खर्च वहन करेगी।इन दोनों परियोजनाओं में केन्द्र व राज्य की हिस्सेदारी20-20 प्रतिशत की रहेगी,शेष 60 प्रतिशत रकम अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा ऋण के रूप में ली जाएगी। इस ऋणकी गारंटी मध्यप्रदेश सरकार देगी।इंदौर मेट्रो के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक से कर्ज लिया जाएगा। वहीं भोपाल मेट्रो के लिए यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक से ऋण लिया जाएगा।

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