मुलायम-मायावती सरकार में एनकाउंटर में मारे गए ज्यादा अपराधी

By | February 9, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट;

वर्ष 2017 में भी चुनाव प्रचार के दौरान तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह समेत तमाम बड़े नेता कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने का वादा कर रहे थे.  इसके बाद जब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी तो क्राइम कंट्रोल के लिए एनकाउंटर की एक अघोषित पॉलिसी पर पुलिस ने अमल करना शुरू कर दिया. ‘फुल एनकाउंटर’ के साथ ही मुठभेड़ में अपराधी के पैर में गोली लगने को ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ और ‘हाफ एनकाउंटर’ कहा गया.उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कानून-व्यवस्था और क्राइम कंट्रोल एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है.

इसके अलावा अलावा योगी सरकार में 19908 अपराधी एनकाउंटर में गिरफ्तार किए गए, जबकि अखिलेश सरकार में 11963 अपराधी गिरफ्तार किए गए थे. योगी सरकार के दौरान एनकाउंटर में घायल होने वाले अपराधियों की संख्या 3664 थी, जबकि अखिलेश सरकार में 282 अपराधी एनकाउंटर में जख्मी हुए थे. योगी सरकार में इन्हीं घायल अपराधियों के लिए ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ या ‘हाफ एनकाउंटर’ शब्द का इस्तेमाल हुआ.

इस बीच आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि वर्ष 2017 से 2022 के दौरान योगी सरकार में 9185 एनकाउंटर हुए, जबकि अखिलेश सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में कुल 4359 एनकाउंटर हुए थे. वहीं योगी सरकार में जहां 156 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए, जबकि अखिलेश सरकार में 40 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे.

योगी सरकार में 1242 पुलिसकर्मी एनकाउंटर में जख्मी हुए तो अखिलेश सरकार में घायल हुए पुलिसकर्मियों की संख्या 150 थी. योगी सरकार में 13 पुलिस वाले पुलिसकर्मी एनकाउंटर में शहीद हुए, जबकि अखिलेश सरकार में 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे.

योगी सरकार के दौरान यह साबित करने की कोशिश होती रही कि अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए सख्ती से कार्यवाही की जा रही है, जिसका अहम हिस्सा ये एनकाउंटर हैं. हालांकि आंकड़ों पर अगर गौर करें तो वर्ष 2002 से 19 मार्च 2017 के बीच यूपी में 800 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए थे, यानी हर साल औसतन 56 अपराधियों की मुठभेड़ में मौत हुई, जबकि योगी सरकार में यह औसत निकालें तो हर साल 31 अपराधी एनकाउंटर में मारे गए.