
लखनऊ-
विवाह मुहूर्त में शुक्र और गुरु का विचार किया जाता है। यह दोनों अस्त हो चुके हैं। इसलिए अब लगभग डेढ़ माह वैवाहिक आयोजन नहीं होंगे।
15 अप्रैल से फिर से शहनाई बजेगी और यह सिलसिला 10 जुलाई तक जारी रहेगा। इस दौरान 50 से अधिक मुहूर्त मिलेंगे।
आचार्य डॉ प्रदीप द्विवेदी ने बताया कि गुरु कन्या के लिए अति सुख का कारक है और अच्छा शुक्र भोग विलास का नैसर्गिक कारक है। दोनों ग्रहों का शुभ विवाह हेतु उदय होना शास्त्र सम्मत है।
अब अप्रैल में 10 विवाह मुहूर्त, मई में 19, जून में 17, जुलाई में 9 मुहूर्त मिलेंगे। इस वर्ष 23 फरवरी से 26 मार्च तक 31 दिन गुरु तारा अस्त रहेगा। जबकि 14 मार्च से 14 अप्रैल मीन खरमास रहेगा। इसलिए इस अवधि में विवाह मुहूर्त नहीं मिलेंगे।