लखनऊ। (समाचार भारती के लिए लखनऊ से मनीष गुप्ता की रिपोर्ट)। लॉक डाउन के चलते भारत में आम जनमानस बेहाल हो गया है, ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी तमाम साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैंl जिसमें से एक है गौशालाओं में पाली जाने वाली गायों के खानपान की व्यवस्था lआलम यह है कि राज्यों के बाहर से आने वाली चारे
की गाड़ियों के ना पहुंच पाने से गाय भूख से बेहाल है ,और गौशालाओं के लिए चारे की व्यवस्था ना हो पाने से चिंता और भी गहरा गई हैl संपूर्ण लॉक डाउन के चलते ,जहां उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने 15 जिलों की तमाम जगहों को हॉटस्पॉट के रूप में चयनित किया है ,जहां पूरा सरकारी महकमा कोरोना वायरस की लड़ाई से दो-चार हो रहा है ,ऐसे में आम जनमानस के साथ साथ गायों की चारों की व्यवस्था ना हो पाने से, गौशालाओं के मालिक परेशान से हो गए हैंl वजह है अन्य राज्यों से आने वाली चारों की गाड़ियों का लखनऊ की सरहद में ना आ पाना, इस बात की जानकारी के समाचार भारती ने ,कान्हा उपवन का दौरा कियाl साथ ही गौशालाओं के मालिकों से बातचीत कर ,यह जानने की कोशिश की, कि महामारी के इस मौके पर इन गायों की भूख को कैसे मिटाया जा रहा है और गौशालाओं के संचालकों को किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लखनऊ का कान्हा उपवन , जहां पर मवेशियों को लाकर उनके खान-पान की व्यवस्था और उनके स्वास्थ्य रक्षा की जाती हैl लेकिन लॉक डाउन के चलते, इन पशुओं को पौष्टिक आहार पूरी तरह से नहीं मिल पा रहा हैl ऐसे में गौशाला संचालकों के लिए एक चुनौती भरा समय हैl गो संचालकों का मानना है कि कहीं ना कहीं चारे की कमी से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है
यह स्थिति महज गौशालाओं कि ही नहीं, बल्कि निजी तौर पर दूध बेचने वाले ग्वालियो के लिए भी एक चुनौती भरा समय है lचारा ना मिल पाने से दूध की सप्लाई पर भी फर्क पड़ा हैl यह वह डेयरी संचालक है ,जो अपने आसपास के एरिया में घर-घर दूध देने का काम करते हैंl लेकिन चारे की कमी के चलते, जहां एक तरफ इनके धंधे पर असर पड़ा है तो वही समय से आहार ना मिल पाने से इनको अपनी गायों को स्वास्थ्य की सुरक्षा काफी परेशान कर रही हैl दूध का सट्टा लगाने वाले ग्वाला रवि यादव का मानना है की महामारी के इस दौर में चारे की अनुपलब्धता थे गायों में कमजोरी आई है और वह पहले जैसा दूध नहीं दे पा रही
ऐसा नहीं है कि चारे की कमी बहुत ज्यादा है, लेकिन फिर भी आम जनमानस को दूध की सप्लाई सिर्फ ब्रांडेड दूध के जरिए ही हो पा रही हैl जबकि लखनऊ की 40 लाख की आबादी के बीच, निजी डेयरी संचालकों का रोल भी काफी अहम हैl ऐसे में चारा ना होने से ,इनकी गाय अस्वस्थ होती दिख रही हैं, और तो और पर्याप्त मात्रा में दूध ना मिल पाने से आम जनता भी ब्रांडेड दूध के सहारे अपना काम चला रही है l
इन सबके बीच अगर पशु चिकित्सकों की बात की जाए ,तो समय-समय पर ,यह वेटरनरी डॉक्टर गौशालाओं का निरीक्षण तो कर रहे हैंl लेकिन गायों की स्वास्थ्य जुड़ी बातें इनको सता रही हैं ,चारे की कमी के चलते गायों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा यह एक सोचनीय प्रश्न बनकर रह गया हैl
फिलहाल चारे की व्यवस्था के लिए शासन प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां तो कर रखी हैं lलेकिन बड़ी तादात में गौशालाओं में मौजूद गायों की स्वास्थ्य की रक्षा करना, महामारी के इस दौर में काफी चुनौती भरा होगाl
गौ संरक्षण नीति के जरिए प्रदेश सरकार ने अभी हाल ही में 100 करोड़ की योजना बनाई थी, जिसके जरिए गौशालाओं में गोवंश की रक्षा किए जाने की बात की गई थी ,लेकिन महामारी के इस दौर में ,अन्य राज्यों से आने वाले ट्रकों की आवाजाही बंद होने से चारो की सप्लाई ना होने से ,इन गोवंश में सेहत का खतरा मंडरा रहा हैl ऐसे में आम जनमानस के साथ-साथ सरकार को इस बुरे दौर में गोवंश की रक्षा के लिए कुछ ठोस कदम जरूर उठाने होंगे, ताकि इस निराश्रित गोवंश को सुरक्षित करते हुए ,उनके स्वास्थ्य का भी बेहतर ख्याल रखा जा सकेl
समाचार भारती के लिए लखनऊ से दीपक कुमार के साथ मनीष गुप्ता की रिपोर्ट
लखनऊ। (समाचार भारती के लिए लखनऊ से मनीष गुप्ता की रिपोर्ट)लॉक डाउन के चलते भारत में आम जनमानस बेहाल हो गया है, ऐसे में उत्तर प्रदेश में भी तमाम साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैंl जिसमें से एक है गौशालाओं में पाली जाने वाली गायों के खानपान की व्यवस्था lआलम यह है कि राज्यों के बाहर से आने वाली चारे
की गाड़ियों के ना पहुंच पाने से गाय भूख से बेहाल है ,और गौशालाओं के लिए चारे की व्यवस्था ना हो पाने से चिंता और भी गहरा गई हैl संपूर्ण लॉक डाउन के चलते ,जहां उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने 15 जिलों की तमाम जगहों को हॉटस्पॉट के रूप में चयनित किया है ,जहां पूरा सरकारी महकमा कोरोना वायरस की लड़ाई से दो-चार हो रहा है ,ऐसे में आम जनमानस के साथ साथ गायों की चारों की व्यवस्था ना हो पाने से, गौशालाओं के मालिक परेशान से हो गए हैंl वजह है अन्य राज्यों से आने वाली चारों की गाड़ियों का लखनऊ की सरहद में ना आ पाना, इस बात की जानकारी के समाचार भारती ने ,कान्हा उपवन का दौरा कियाl साथ ही गौशालाओं के मालिकों से बातचीत कर ,यह जानने की कोशिश की, कि महामारी के इस मौके पर इन गायों की भूख को कैसे मिटाया जा रहा है और गौशालाओं के संचालकों को किन किन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है लखनऊ का कान्हा उपवन , जहां पर मवेशियों को लाकर उनके खान-पान की व्यवस्था और उनके स्वास्थ्य रक्षा की जाती हैl लेकिन लॉक डाउन के चलते, इन पशुओं को पौष्टिक आहार पूरी तरह से नहीं मिल पा रहा हैl ऐसे में गौशाला संचालकों के लिए एक चुनौती भरा समय हैl गो संचालकों का मानना है कि कहीं ना कहीं चारे की कमी से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है
यह स्थिति महज गौशालाओं कि ही नहीं, बल्कि निजी तौर पर दूध बेचने वाले ग्वालियो के लिए भी एक चुनौती भरा समय है lचारा ना मिल पाने से दूध की सप्लाई पर भी फर्क पड़ा हैl यह वह डेयरी संचालक है ,जो अपने आसपास के एरिया में घर-घर दूध देने का काम करते हैंl लेकिन चारे की कमी के चलते, जहां एक तरफ इनके धंधे पर असर पड़ा है तो वही समय से आहार ना मिल पाने से इनको अपनी गायों को स्वास्थ्य की सुरक्षा काफी परेशान कर रही हैl दूध का सट्टा लगाने वाले ग्वाला रवि यादव का मानना है की महामारी के इस दौर में चारे की अनुपलब्धता थे गायों में कमजोरी आई है और वह पहले जैसा दूध नहीं दे पा रही
ऐसा नहीं है कि चारे की कमी बहुत ज्यादा है, लेकिन फिर भी आम जनमानस को दूध की सप्लाई सिर्फ ब्रांडेड दूध के जरिए ही हो पा रही हैl जबकि लखनऊ की 40 लाख की आबादी के बीच, निजी डेयरी संचालकों का रोल भी काफी अहम हैl ऐसे में चारा ना होने से ,इनकी गाय अस्वस्थ होती दिख रही हैं, और तो और पर्याप्त मात्रा में दूध ना मिल पाने से आम जनता भी ब्रांडेड दूध के सहारे अपना काम चला रही है l
इन सबके बीच अगर पशु चिकित्सकों की बात की जाए ,तो समय-समय पर ,यह वेटरनरी डॉक्टर गौशालाओं का निरीक्षण तो कर रहे हैंl लेकिन गायों की स्वास्थ्य जुड़ी बातें इनको सता रही हैं ,चारे की कमी के चलते गायों के स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ेगा यह एक सोचनीय प्रश्न बनकर रह गया हैl
फिलहाल चारे की व्यवस्था के लिए शासन प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां तो कर रखी हैं lलेकिन बड़ी तादात में गौशालाओं में मौजूद गायों की स्वास्थ्य की रक्षा करना, महामारी के इस दौर में काफी चुनौती भरा होगाl
गौ संरक्षण नीति के जरिए प्रदेश सरकार ने अभी हाल ही में 100 करोड़ की योजना बनाई थी, जिसके जरिए गौशालाओं में गोवंश की रक्षा किए जाने की बात की गई थी ,लेकिन महामारी के इस दौर में ,अन्य राज्यों से आने वाले ट्रकों की आवाजाही बंद होने से चारो की सप्लाई ना होने से ,इन गोवंश में सेहत का खतरा मंडरा रहा हैl ऐसे में आम जनमानस के साथ-साथ सरकार को इस बुरे दौर में गोवंश की रक्षा के लिए कुछ ठोस कदम जरूर उठाने होंगे, ताकि इस निराश्रित गोवंश को सुरक्षित करते हुए ,उनके स्वास्थ्य का भी बेहतर ख्याल रखा जा सकेl
समाचार भारती के लिए लखनऊ से दीपक कुमार के साथ मनीष गुप्ता की रिपोर्ट
