कर्नाटक विधानसभा सत्र 22 जुलाई तक के लिए स्थगित, सोमवार को पेश होगा विश्वासमत

By | July 19, 2019

नई दिल्ली। कर्नाटक में जारी सियासी उठापटक (Political Drama in Karnataka) के बीच शुक्रवार को स्पीकर (Speaker) ने विधानसभा सत्र 22 जुलाई यानि सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया है. कर्नाटक विधानसभा में सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव पर शुक्रवार को जमकर बहस हुई. राज्यपाल वजुभाई (Governor Vajubhai Wala) वाला ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी (CM HD Kumaraswamy) को बहुमत साबित करने के लिए दूसरी बार शाम 6:00 बजे तक की डेडलाइन दी थी, लेकिन सीएम कुमारस्वामी शाम 6:00 बजे तक विश्वासमत साबित नहीं कर सके. सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि राज्यपाल का वे सम्मान करते हैं, लेकिन उनके दूसरे प्रेम पत्र (डेडलाइन) ने उन्हें आहत किया. कुमारस्वामी राज्यपाल के खिलाफ फ्लोर टेस्ट के लिए डेडलाइन देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.

मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, सोमवार को फ्लोर टेस्ट में कितना भी वक्त क्यों न लगे, इसी दिन पूरा कर लिया जाएगा. सबके भाषण के बाद मुख्यमंत्री अपने अंतिम शब्द कहेंगे, फिर विश्वासमत की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. सिद्धारमैया ने कहा कि सोमवार को ही फ्लोर टेस्ट हो. वहीं, बीजेपी का कहना था कि फ्लोर टेस्ट हर हाल में आज पूरी हो जाए. राज्यपाल भी यही कह रहे हैं. सच यह है कि हम विधायकों से उनके अधिकार नहीं छीन सकते हैं. आपको बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, मेरे मन में राज्यपाल के लिए बहुत आदर है. लेकिन राज्यपाल के दूसरे पत्र ने मुझे दुख पहुंचाया है. क्या उन्हें 10 दिन पहले ही केवल हॉर्स ट्रेडिंग (Horse Treding) के बारे जानकारी मिली. साथ ही सीएम एचडी कुमारस्वामी ने एक तस्वीर भी दिखाई, जिसमें बीजेपी के कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा, पीए संतोष के साथ निर्दलीय विधायक एच नागेश के साथ बैठे हुए थे.

कर्नाटक कांग्रेस के बाद अब मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी भी दोबारा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं. उन्होंने कहा, पार्टी को व्हिप जारी करने का अधिकार है. ऐसे में इसका पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा, मेरे पास राज्यपाल की तरफ से दूसरा लव लेटर आया है. राज्यपाल कह रहे हैं कि होर्स ट्रेडिंग हो रही है, जो विधानसभा के लिए ठीक नहीं है. राज्यपाल वजूभाई वाला ने कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी को आज शाम 6 बजे से पहले ही बहुमत साबित करने का समय दे दिया है. इसके एक दिन पहले राज्‍यपाल वजूभाई वाला ने मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखकर शुक्रवार दोपहर बाद डेढ़ बजे तक बहुमत साबित करने को कहा था पर 1:30 बजे तक कुमारस्वामी बहुमत साबित नहीं कर पाए थे.

वहीं कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ने सुप्रीम कोर्ट के 17 जुलाई के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. उन्होंने SC में दायर याचिका में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश 15 बागी विधायकों को विधानसभा में मौजूद रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश पार्टी को मिले व्हीप जारी करने के संवैधानिक अधिकार के खिलाफ है. कोर्ट के इस आदेश से संविधान की 10वीं अनुसूची में दिए गए दल-बदल कानून का उल्लंघन होता है.

 

Category: Uncategorized

Leave a Reply