वन रैंक, वन पेंशन से कितने लोगों को हुआ लाभ: SC

By | February 17, 2022

ब्यूरो रिपोर्ट:

सशस्‍त्र बलों में ‘वन रैंक वन पेंशन’ को लेकर  सुप्रीम कोर्ट अहम सवाल उठाए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, केंद्र की अतिशयोक्ति OROP नीति पर आकर्षक तस्वीर प्रस्तुत करती है जबकि इतना कुछ सशस्त्र बलों के पेंशनरों को मिला नहीं है. इसके साथ ही SC ने केंद्र से पूछा है कि OROP कैसे लागू किया जा रहा है और इससे कितने लोगों को लाभ हुआ है?

सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने संसदीय चर्चा और नीति के बीच विसंगति पर याचिकाकर्ताओं की दलीलों का हवाला दिया. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि समस्या यह है कि पॉलिसी पर आपकी अतिशयोक्ति वास्तव में दिए गए लाभ तुलना में बहुत अधिक आकर्षक तस्वीर प्रस्तुत करती है. इस पर केंद्र ने अपना बचाव करते हुए कहा कि नीति पर फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को बताया कि OROP की अभी तक कोई वैधानिक परिभाषा नहीं है. जैसा कि मैंने कहा कि OROP एक वैधानिक शब्द नहीं है, यह कला का एक शब्द है. इस केंद्र की ओर से ASG वेंकटरमन ने कहा, हां, यह कला का एक शब्द है जिसे हमने बारीकियों के साथ और बिना किसी मनमानी के परिभाषित किया है.

याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि एक मंत्री द्वारा सदन के पटल पर दिए गए बयान की नैतिकता क्या है? वर्ष 2014 में सेवानिवृत्त हुए वयोवृद्धों को 1965-2013 के बीच सेवानिवृत्त होने वाले पूर्व सैनिकों की तुलना में अधिक पेंशन प्राप्त होती है.