HC का बयान- भिखारियों को भी काम करना चाहिए, राज्य ही सब कुछ नहीं दे सकता

By | July 4, 2021

ब्यूरो रिपोर्ट समाचार भारती

बॉम्‍बे हाईकोर्ट ने कहा कि बेघरों और भिखारियों को भी देश के लिए कुछ काम करना चाहिए क्योंकि राज्य ही सब कुछ उन्हें उपलब्ध नहीं करा सकता. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए बृजेश आर्य की उस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया जिसमें याचिकाकर्ता ने अदालत से बृहन्मुंबई महानगरपालिका को शहर में बेघर व्यक्तियों, भिखारियों और गरीबों को 3 वक्त का भोजन, पीने का पानी, आश्रय और स्वच्छ सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.

बीएमसी ने अदालत को सूचित किया कि गैर सरकारी संगठनों की मदद से पूरी मुंबई में ऐसे लोगों को भोजन और समाज के इस वर्ग की महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन दिया जा रहा है. अदालत ने बीएमसी की इस दलील को मानते हुए कहा भोजन और सामग्री वितरण के संबंध में आगे निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है.

उच्च न्यायालय ने कहा, उन्हें यानि बेघर व्यक्तियों को भी देश के लिए कोई काम करना चाहिए. हर कोई काम कर रहा है. सबकुछ राज्य द्वारा ही नहीं दिया जा सकता है. आप सिर्फ समाज के इस वर्ग की आबादी बढ़ा रहे हैं.

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