Lok Sabha Elections 2019 : ग्‍वालियर सीट से प्रियदर्शिनी राजे के नाम का प्रस्ताव पारित

By | January 13, 2022

ग्वालियर। टिकट बंटबारे का सिलसिला शुरू होते ही लोकसभा चुनाव में दांव पेंच का खेल शुरू हो गया है। कौन कहां से लड़ेगा, टिकट के बाद किस जाति और नेताओं से समीकरण बैठाए जाएंगे, इसके गणित बैठाए जाने लगे हैं। ग्वालियर लोकसभा सीट से सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर के मुरैना जाते ही समीकरण तेजी से बदले हैं।

न केवल भाजपा बल्कि कांग्रेस में उथल-पुथल तेज हुई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व गुना शिवपुरी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के रविवार सुबह अल्प प्रवास पर ग्वालियर आने के बाद आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस कार्यालय में बैठक बुलाई गई।

मंत्री, विधायक व वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में शहर जिलाध्यक्ष डॉ. देवेन्द्र शर्मा ने प्रस्ताव पढ़कर सुनाया कि ग्वालियर सीट से प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया(ज्योतिरादित्य की पत्नी) को टिकट दिया जाए। प्रदेश के कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, लाखन सिंह यादव, इमरती देवी, विधायक मुन्नाालाल गोयल, प्रवीण पाठक, ग्रामीण अध्यक्ष मोहन सिंह राठौर, प्रदेश महासचिव अशोक शर्मा, सचिव सुनील शर्मा, सुरेन्द्र शर्मा, रामवरन सिंह गुर्जर, कमलेश कौरव, चन्द्रमोहन नागौरी, आनंद शर्मा, केसी राजपूत सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने हाथ उठाकर सहमति दे दी। प्रस्ताव को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को तत्काल फैक्स कर दिया गया। खास बात यह थी बैठक में टिकट के प्रबल दावेदार अशोक सिंह और दिग्विजय खेमे का एक भी वरिष्ठ नेता नहीं पहुंचा।

गाड़ी में बैठकर बनी रणनीति

सांसद सिंधिया शताब्दी एक्सप्रेस से आए। स्टेशन से ही उनकी गाड़ी में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, लाखन सिंह यादव, शहर जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, ग्रामीण अध्यक्ष मोहन सिंह राठौर, पूर्व विधायक रमेश अग्रवाल बैठे। बताया जाता है कि गाड़ी में ही तय हो गया था कि कांग्रेस कार्यालय में बैठक बुलाकर प्रियदर्शिनी राजे के नाम का प्रस्ताव पारित किया जाए। सांसद सिंधिया स्टेशन से ही कांग्रेस नेता रामसुन्दर सिंह रामू और अतिसुन्दर सिंह के सीपी कॉलोनी स्थित निवास पहुंचे और वर-वधु को आर्शीवाद देकर जयविलास पैलेस आए।

इसी बीच शहर जिलाध्यक्ष डॉ. शर्मा ने दोपहर 2:30 बजे कांग्रेस कार्यालय में बैठक करने की सूचना जारी कर दी। सिंधिया पौने एक बजे कोलारस रवाना हो गए और इधर कांग्रेस कार्यालय में प्रियदर्शिनी के लिए प्रस्ताव पारित हो गया। अचानक हुए इस घटनाक्रम के अलग-अलग अर्थ निकाले जा रहे हैं।

कांग्रेस पार्षद दल ने भी किया समर्थन

जिला कांग्रेस की बैठक के बाद नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्षद दल की बैठक हुई। इसमें भी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को ग्वालियर से लड़ने के लिए प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी को फैक्स और मेल भेजा गया।

क्या सिंधिया को इंदौर से लड़ाने की रणनीति?

ग्वालियर सीट से कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक सिंह प्रबल दावेदार हैं। मोदी लहर के बावजूद पिछला चुनाव महज वे 34 हजार वोटों से हारे थे। सिंह पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव खेमे के कहे जाते थे। सिंधिया ने ग्वालियर में उनके समर्थन में एक भी सभा या रैली नहीं की थी। उस समय राजनीतिक गलियारे में चर्चा थी कि वे अशोक सिंह के विरोधी हैं।

इस बार भी सिंह मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से सीधे संपर्क के कारण टिकट के प्रबल दावेदार हैं। चर्चा है कि सिंधिया मोहन सिंह राठौर अथवा किसी दूसरे नेता को टिकट दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। दूसरी चर्चा यह है कि कांटे वाली सीटों से बड़े नेताओं के लड़ने की बयानबाजी के कारण ही दिग्विजय सिंह को राघौगढ़ सीट से भोपाल भेजा गया है। इसलिए दिग्विजय समर्थक भी चाहते हैं कि सिंधिया को भी इंदौर भेजा जाए।

टकराव में ग्वालियर से भी लड़ सकते हैं

ज्योतिरादित्य सिंधिया अब तक गुना-शिवपुरी से ही लड़ते रहे हैं। इसलिए चर्चा यह भी है कि जब सीट बदलने का दबाव बनेगा तो वे ग्वालियर का दावा ठोक सकते हैं। क्योंकि ग्वालियर से भी कभी नहीं लड़े। इंदौर उनके लिए कांटे का ताज होगा। वैसे भी 2004 में ही ग्वालियर सीट कांग्रेस के खाते में आई थी। उसके बाद 2007, 2009 तथा 2014 के चुनाव में यह सीट भाजपा के पास रही है। ग्वालियर सीट पर सीधे तौर पर महल का प्रभाव रहा है।

इसलिए गुना-शिवपुरी सीट छोड़ने का दबाव बनने पर सिंधिया ग्वालियर की बात कह सकते हैं। ऐसा होता है तो यहां सिंधिया को कम मेहनत करना होगी। उन पर उप्र की भी जिम्मेदारी है, इसलिए वे चुनाव में वहां भी समय दे सकते हैं। सिंधिया के मुकाबले ग्वालियर में भाजपा के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है।

राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि रविवार की बैठक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा थी, जिससे प्रियदर्शिनी के बहाने सिंधिया को आगे किया जाए। चूंकि यह प्रस्ताव शहर और ग्रामीण कांग्रेस ने सर्वसम्मति से पारित किया है, इसलिए छानबीन तथा टिकट वितरण समिति के समक्ष यह तथ्य होगा कि संगठन ने आम सहमति से प्रियदर्शिनी के नाम पर मुहर लगाई है। यदि प्रियदर्शिनी को भी टिकट मिलता है तो भी कांग्रेस को जीत का भरोसा रहेगा।

आम सहमति से निर्णय

ग्वालियर सीट से प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया को टिकट के लिए शहर और ग्रामीण संगठन ने आम सहमति से प्रस्ताव पारित कर राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा है।

डॉ. देवेन्द्र शर्मा, शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष

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