
ब्यूरो रिपोर्ट:
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने लखनऊ में आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित कार्यक्रम में देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर जवानों को नमन कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी राष्ट्र का गौरव तभी जाग्रत रहता है जब वो अपने स्वाभिमान और बलिदान की परम्पराओं को अगली पीढ़ी को भी सिखाता है, संस्कारित करता है, उन्हें इसके लिए निरंतर प्रेरित करता है।
राज्यपाल जी ने स्वतंत्रता प्राप्ति के सभी मुख्य आन्दोलनों तथा उनके नेतृत्व करने वाले सेनानियों और शहीदों का स्मरण अपने उद्बोधन में किया और कहा हमें नए संकल्पों के साथ आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करना है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण देश की प्रगति के लिए बहुत आवश्यक है, पिछले कुछ समय में भारत की सशस्त्र सेनाओं में महिलाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
वास्तव में किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल-पल जुड़ा रहता है।राज्यपाल जी ने कहा कि स्वाधीनता संग्राम में ऐसे भी कितने आंदोलन हैं, कितने ही संघर्ष हैं जो देश के सामने उस रूप में नहीं आए जैसे आने चाहिए थे। उन्होंने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलनों में सर्वाधिक योगदान उत्तर प्रदेश की जनता ने दिया।
आज राष्ट्रीय आन्दोलन के आधारभूत मूल्यों, स्वतंत्रता सेनानियों के त्याग एवं बलिदान को जन-जन विशेषकर विद्यार्थियों, युवाओं तक पहुंचाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आन्दोलन की अनसुनी घटनाओं, अनाम शहीदों को उजागर किये जाने की आवश्यकता है, ताकि हमारे युवाओं को पता चले कि देश को स्वाधीनता कितने संघर्षों से प्राप्त हुई और आज हम उनके त्याग और बलिदान के कारण ही स्वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं।