ब्यूरो चीफ़ आरिफ़ मोहम्मद कानपुर
कानपुर देहात, जनपद के ग्राम पंचायतों में जिले के एक अधिकारी के इशारे पर की गई झूला आपूर्ति के मामले में रोक के बावजूद सचिवों ने झूले का भुगतान कर दिया। इससे पंचायत सचिवालयो के संचालन में आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है।
वहीं अधिकारियों के निर्देशों को हवा में उड़ा कर सचिव अनियमित तरीके से की गई झूला आपूर्ति का भुगतान करने में जुटे हैं। इससे लाखों रुपए की शासकीय धनराशि का दुरुपयोग हो रहा है।
जनपद के विभिन्न ग्राम पंचायतों में चुनाव अधिसूचना के पूर्व लखनऊ की जय श्री इंटरप्राइजेज जनपद के एक बड़े अधिकारी के इशारे पर झूला आपूर्ति की थी।
ग्राम पंचायतों को बिना संज्ञान में लिए सीधे आपूर्ति के बाद जिला स्तरीय अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ब्लॉक के अधिकारियों ने सचिवों पर झूला का पेमेंट करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इससे प्रति पंचायत लगभग एक लाख रुपए की धनराशि फर्म के नाम जानी थी।
इसको लेकर ग्राम पंचायतों के माध्यम से मिली जानकारी पर बिना टेंडर, कोटेशन , कार्य योजना, एवं गांव की निर्वाचित समितियों के प्रस्ताव के बिना झूला खरीदे जाने की खबर सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीपीआरओ नमिता शरण सहित डीएम जेपी सिंह एवं सीडीओ सौम्या पांडे ने केंद्रीकृत खरीद करने पर रोक लगाई थी। लेकिन इस रोक को भी हवा में उड़ाने के लिए नया तोड़ निकाल लिया गया और पंचायतों पर दो फर्मों में भुगतान करने का ब्लॉक स्तर के अधिकारी दबाव बना रहे हैं।
केंद्रीकृत खरीद से बचने के लिए दो फर्मों में हो रहा भुगतान
जिले के अधिकारियों द्वारा केंद्रीय खरीद न करने के दिए गए निर्देश का पालन करते हुए सचिवों ने नया तोड़ निकाला और दो फर्मों में भुगतान कर रहे हैं इससे जनपद की 10 ग्राम पंचायतों से प्रत्येक ग्राम पंचायत में 99884 रुपए का भुगतान झूला खरीद के मामले में लखनऊ की जय श्री इंटरप्राइजेज एवम दूसरी फर्म सिद्ध बली इंटरप्राइजेज मि किया जा रहा है।
सचिवों की मनमानी हो रही उजागर
डीएम सीडीओ एवं डीपीआरओ के द्वारा केंद्रीकृत खरीद करने पर रोक लगाने के बावजूद ग्राम पंचायतों में तैनात सचिव बिना निर्वाचित समितियों के प्रस्ताव के झूला आपूर्ति कर उनका भुगतान करने में लगे हैं।
इससे अधिकारियों के निर्देशों को सचिव हवा में उड़ा रहे हैं ।वही मनमानी की भी पोल खुल रही है। इससे शासन की प्राथमिकता वाला कार्य सचिवालय संचालन दम तोड़ रहा है। ग्राम पंचायतों में सचिवालय संचालित कराने के लिए कंप्यूटर अलमारी फर्नीचर इंटरनेट आदि की व्यवस्था चुकाने के बजाय कमीशन के खेल में पंचायत सचिव अधिकारी झूला का भुगतान कर रहे हैं।
खुले बाजार में झूले की कीमत है कम
ग्राम पंचायतों में की गई झूला आपूर्ति में प्रत्येक ग्राम पंचायत 998 84 रुपए का फर्मों को भुगतान कर रही है। लेकिन खुले बाजार में इसकी कीमत बहुत कम बताई जा रही है प्लास्टिक व पाइप के सहारे बने झूले की कीमत बाजार में अधिकतम 20 से 25 हजार बताई जा रही है। लेकिन ग्राम पंचायतों में 99884 रुपए का भुगतान हो रहा है।
झूला खरीद में सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला प्रकाश में आ रहा है।
इन ग्राम पंचायतों में अब तक हो भुगतान
मैथा ब्लॉक में ककरदही, भैरोशाहजहांपुर, भेवान रसूलाबाद ब्लाक में मॉलका पुरवा, सिठऊपुरवा, बर्रा ठर्रा, अदालतगंज, भैसाना, बैरी साल आज ग्राम पंचायत झूला खरीद आपूर्ति का भुगतान कर चुकी है।
बोली डीपीआरओ
डीपीआरओ नमिता शरण ने बताया की ग्राम पंचायतों को केंद्रीकृत खरीद ना करने के निर्देश डीएम सीडीओ के साथ उन्होंने जारी किए थे। इसी के साथ शासन की प्राथमिकता के आधार पर पंचायत सचिवालय संचालन का निर्देश दिया गया था लेकिन कुछ ग्राम पंचायतों में झूला खरीद का भुगतान अनियमित तरीके से किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की जांच कराकर सचिवों के विरुद्ध कठोर दंडात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
