42 टेंडर में टेंपरिंग के मिले सबूत
ईओडब्ल्यू ने 18 मई 2018 को ई टेंडर में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच शुरू की थी. इस जांच के शुरू होने से ठीक 2 महीने पहले मार्च 2018 तक 52 टेंडरों की जांच में 42 टेंडरों में टेंपरिंग होने का खुलासा हुआ. 52 टेंडर अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के दौरान प्रोसेस में आए थे. इनमें 42 टेंडरों में छेड़छाड़ के पुख्ता सबूत मिले हैं. ईओडब्ल्यू ने चिन्हित 42 टेंडरों में टेंपरिंग को लेकर राज्य शासन और टेंडरों से जुड़े संबंधित विभागों को जानकारी भेजी थी. इस जानकारी के भेजने के बावजूद किसी भी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. अब 42 टेंडरों की तकनीकी जांच इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम भारत सरकार से कराई जा रही है.
जिन टेंडरों में टेंपरिंग की गई, वो अरबों रुपए के बताए जा रहे हैं. इनमें अधिकांश टेंडर के तहत प्रदेश के कई हिस्सों में काम भी किए जा रहे हैं. ये टेंडर जल संसाधन, सड़क विकास निगम, नर्मदा घाटी विकास, नगरीय प्रशासन, नगर निगम स्मार्ट सिटी, मेट्रो रेल, जल निगम, एनेक्सी भवन समेत कई निर्माण काम करने वाले विभागों के हैं. सूत्रों ने बताया है कि अरबों रुपए के इन टेंडरों में ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन और एंटेरस सिस्टम कंपनी के पदाधिकारियों के जरिए टेंपरिंग की है. इसमें कई दलाल, संबंधित विभागों के अधिकारी-कर्मचारी और राजनेता भी शामिल हैं.
भले ही विभागों और शासन स्तर पर इन टेंडरों को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई हो, लेकिन ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का दावा है कि जल्द ही इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की टेक्निकल जांच रिपोर्ट आ जाएगी और इसी रिपोर्ट के आधार पर नई एफआईआर होगी. घोटाले से जुड़ी पहली एफआईआर भी टेक्निकल जांच के रिपोर्ट के आधार पर दर्ज हुई थी.
केएन तिवारी (डीजी, ईओडब्ल्यू, मप्र) ने घोटाले को लेकर कहा, ‘ई-टेंडर मामले में जांच जारी है. नौ टेंडर में दर्ज की गई एफआईआर के अलावा भी पुराने टेंडरों की जांच की जा रही है. जिन 42 टेंडरों में टेंपरिंग हुई है, उनकों लेकर भारत सरकार की इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की जांच रिपोर्ट का इंतजार है. जांच रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही नई एफआईआर दर्ज की जाएगी.
ईओडब्ल्यू (Economic Offences Wing) ने बीजेपी सरकार में हुए ई-टेंडर घोटाले को लेकर सबसे पहली एफआईआर 10 अप्रैल 2019 को दर्ज की थी. ये एफआईआर नौ टेंडर में टेंपरिंग को लेकर की गई थी. ईओडब्ल्यू अब तक इस एफआईआर में बनाए गए नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. जब इस घोटाले की जांच आगे बढ़ी तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जांच में कुल 52 टेंडरों में से 42 में टेंपरिंग होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. ईओडब्ल्यू जल्द ही इन टेंडरों को लेकर एक नई एफआईआर दर्ज करेगी.
