
नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो चुके हैं। इस दौरान सरकार ने सामाजिक और राजनैतिक तौर पर कई बड़े फैसले किए हैं। हालांकि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल ने अभी तक निराश किया है। निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं, साथ ही नए निवेशक पैसा लगाने से कतरा रहे हैं। बता दें कि मोदी सरकार के कार्यकाल के पहले 100 दिनों में निवेशकों के करीब 14 लाख करोड़ रुपए डूब चुके हैं।
देश की अर्थव्यवस्था में निवेशकों का भरोसा जगाने के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। बीते दिनों केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के उद्देश्य से कई ऐलान किए हैं, लेकिन अभी तक उसका असर अर्थव्यवस्था पर नहीं दिखाई दे रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अर्थव्यवस्था में आयी सुस्ती चक्रीय है और इकनॉमी इससे उबरने में थोड़ा वक्त लेगी। विश्लेषकों का कहना है कि निवेशकों को वैश्विक परिदृश्य देखते हुए थोड़ा धैर्य रखने की जरुरत है।
अधिकतर कंपनियों के शेयरों में आयी गिरावटः इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान BSE पर सिर्फ 14 प्रतिशत शेयरों ने ही पॉजिटिव रिटर्न दिए हैं। खबर के अनुसार, बीएसई में 2,664 एक्टिव ट्रेड स्टॉक में से 2,290 स्टॉक की कीमतों में भारी गिरावट आयी है। आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 422 स्टॉक की कीमत 40 प्रतिशत, 1,371 स्टॉक की कीमत 20 प्रतिशत और 1,872 स्टॉक की कीमत 10 प्रतिशत तक गिर गई है। कुल मार्केट वैल्यू के हिसाब से देखें तो बीएसई लिस्टेड स्टॉक की कीमत 14.15 लाख करोड़ रुपए से लेकर 140 लाख करोड़ रुपए तक गिर गई है।
मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में जिन कंपनियों के शेयरों में तेजी आयी है, उनमें एचडीएफसी एएमसी, रिलायंस निप्पोन लाइफ एम, जाइडस वैलनेस, अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज, एबॉट इंडिया, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी आदि प्रमुख हैं। वहीं इस दौरान जिन कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आयी है, उनमें HSIL, कॉफी डे एंटरप्राइजेज, जेट एयरवेज, रिलायंस कैपिटल, इंडियाबुल्स इंटीग्रेटिड सर्विस, सीजी पॉवर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशन आदि प्रमुख हैं।