*-सर्दियों में दिल, शुगर और ब्लड प्रेशर के रोगी सेहत का रखें खास खयाल* *-दवाओं की कमी न होने दे अफसर*
ब्यूरो रिपोर्ट लखनऊ
वायरल, डेंगू, चिकनगुनिया समेत दूसरे बुखार से निपटने के लिए डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की टीम 24 घंटे चिकित्सालय में मुस्तैद रहे। ओपीडी व भर्ती रोगियों को चिकित्सालय से ही दवाएं उपलब्ध कराई जायें। अधिकारी समय-समय पर मुख्य दवा स्टोर में स्टॉक चेक करें।
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बृहस्पतिवार को प्रदेश भर के सीएमओ व सीएमएस को रोगियों को बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए निर्देशित किया गया। उन्होंने बताया कि रोगियों को अस्पताल की ही दवाएं मुहैया कराई जायें। इसके लिए चिकित्सालय में पर्याप्त एंटीबायोटिक व बुखार के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं के इंतजाम करें। डॉक्टर मरीजों को चिकित्सालय में उपलब्ध दवाएं लिखें।
दिल-शुगर की दवाओं की कमी न होने दें
दिल, शुगर व ब्लड प्रेशर की दवाओं का स्टाक जुटा लें। इमरजेंसी में दवाओं की कमी न होने दें। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा मरीजों को कम से कम 15 दिन या इससे अधिक दिनों की दवाये उपलब्ध कराये। ताकि मरीजों को जल्दी-जल्दी चिकित्सालय के चक्कर न लगाने पड़े। सर्दियों में मरीजों को चिकित्सालय आने में असुविधा होती है। ठंड में रोगी सेहत का खास ख्याल रखे।
दवाओं की कमी नहीं
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कोई कमी नहीं है। उप्र मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन सभी अस्पतालों को जरूरत के हिसाब से दवाएं मुहैया करा रहा है। वहीं कारपोरेशन को अस्पताल की जरूरत के हिसाब से चार से छह माह का स्टाक की दवाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा है।
दवाओं को एक्सपायर होने से बचाये
दवाओं की एक्सपायर डेट एक से दो साल की होनी चाहिए। ताकि नजदीक की एक्पायरी होने की वजह से दवाओं के खराब होने का खतरा रहता है। यही नहीं जिन चिकित्सालय में दवाओं की एक्सपायर डेट नजदीक हो वे दूसरे चिकित्सालय को दवाये भेज सकते हैं। ताकि दवाओं को खराब होने से बचाया जा सके।
