मध्यप्रदेश : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- सुरक्षाबलों को रासायनिक और जैविक युद्ध से निपटने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत

By | September 20, 2019

ग्वालियर। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिस्थापना(डीआरडीई) के अधिकारियों के साथ बैठक की। ग्वालियर में हुई इस बैठक में रक्षा मंत्री ने कहा कि भविष्य में युद्ध के दौरान किसी भी स्तर पर देश की कार्यशैली और ढांचागत सुविधाओं को बाधित करने के लिए रासायनिक और जैविक हमले किए जाने की आशंका है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए देश के सुरक्षाबलों को प्रशिक्षण की जरूरत है।

रक्षा मंत्री सिंह के मुताबिक,हमारे सुरक्षाबल कई ऐसे स्थानों पर तैनात हैं, जहां दुश्मनों के द्वारा ऐसे हमलेकिए जाने की आशंका है। जैविक और रासायनिकहमलों सेजीवन, स्वास्थ्य, संपत्ति और वाणिज्य को ऐसा नुकसान पहुंचेगा,जिससे उबरने में लंबा समय लग सकता है।

सिंह के अनुसार- हमारे वैज्ञानिक हर खतरे से निपटने में सक्षम

उन्होंने बताया किडीआरडीई के वैज्ञानिकों ने टॉक्सिक एजेंटों की पहचान करने और इससे सुरक्षा की तकनीक विकसित की है। मैं इसे विश्वस्तहूं कि आतंकवाद चाहे जो भी खतरा पैदा करे, हमारे वैज्ञानिक उससे निपटने में सक्षम हैं। अब हम रासायनिक और जैविक हमलों से सुरक्षा करने और इससे होने वाले संक्रमण को रोकने में सक्षम हैं।

सिंह ने कहा- मैं पब्लिकली बोलूंगा तो तूफान खड़ा हो जाएगा

रक्षामंत्री ने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर कहा कि आपके अचीवमेंट पर दिल से बधाई देता हूं।बहुत सारी चीजें देखी हैं। उसे पब्लिकली नहीं बता सकता हूं। अगर बोलूंगा तो अभी तूफान खड़ा हो जाएगा। मैं समझता हूं कि जो भी अक्लमंद देश में होंगे, उनके लिए मेरा इतना ही कहना पर्याप्त होगा।बैठक में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के प्रमुख डॉ. जी सतीश रेड्डी भी बैठक में उपस्थित रहे।

डीआरडीओ के अधीन काम करता है डीआरडीई
रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रतिस्थापना (डीआरडीई) एक प्रयोगशाला है, जो रक्षा एवं शोध विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधीन संचालित होती है। यह प्रमुख रूप से रसायनों एवं जैविक एजेंटों की पहचान करने संबंधी शोध कार्य करता है। इसकी स्थापना वर्ष 1943 में ग्वालियर के तात्कालीन महाराज जिवाजी राव सिंधिया ने की थी। पहले यह जिवाजी इंडस्ट्रियल रिसर्च लैबोरेट्री (जीआईआरएल) के नाम से जानी जाती थी। इसका उद्घाटन 28 दिसंबर 1947 को भारत के तात्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड अर्ल माउंटबेटेन ने किया था। वर्ष 1963 में जेआईआरएल का अधिग्रहण रक्षा मंत्रालय ने कर लिया था।

Category: Uncategorized

Leave a Reply