रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर राज्य को संबोधित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमारे राज्य में एसटी, एससी और ओबीसी श्रेणियों के लोग शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों के मुद्दे उठाते रहे हैं। इसी दिशा में सरकार के एक बड़ा कदम उठा रही है। उन्होंने सूबे को संबोधित करते हुए कहा कि मैं OBC के लिए 27% आरक्षण, SC को 13% और ST को 32% आरक्षणदेने की घोषणा करता हूँ।
Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel: In our state people belonging to ST, SC & OBC categories have been raising issues about their rights in a peaceful manner. Taking a major step in this direction, today I announce 27% reservation for OBCs, 13% to the SCs & 32% to the STs. pic.twitter.com/GBvxlENsLa
— ANI (@ANI) August 15, 2019
गौरतलब है कि राज्य में चार महीने बाद निकाय चुनाव होने हैं। लोकसभा चुनाव में लगे झटके को देखते हुए कांग्रेस और पार्टी की सरकार स्थानीय निकाय चुनाव में कोई रिस्क लेना नहीं चाहती। आरक्षण बढ़ाने की घोषणा का एक तरफ स्वागत हो रहा है तो दूसरी तरफ इसके 50 फीसद की निर्धारित सीमा लांघने की चिंता भी बढ़ गई है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की गई घोषणा से राज्य में आरक्षण का प्रतिशत 72 पहुंच गया है।
राज्य में अभी तक एसटी को 32 फीसदी, एससी को 12 और ओबीसी वर्ग को 14 फीसद आरक्षण मिल रहा था। सरकार ने इसे बढ़ाकर क्रमश: 32, 13 और 27 करने का फैसला किया है। पिछली बार आरक्षण में किए गए बदलाव को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था मामला
तत्कालीन भाजपा सरकार ने करीब सात वर्ष पहले आरक्षण नीति में बदलाव करते हुए 18 जनवरी 2012 को अधिसूचना जारी की थी। इसके तहत लोक सेवा (अजा, अजजा एवं पिछड़ा वर्ग का आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा चार में संशोधन किया गया था। इसके अनुसार अनुसूचित जनजाति को 32, अनुसूचित जाति को 12 और अन्य पिछड़ा वर्ग को 14 फीसद आरक्षण देना तय किया गया था। कुल आरक्षण 58 फीसद होता है।
यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 फीसद की सीमा से अधिक है। इसके खिलाफ 2012 में ही गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी रायपुर, सतनाम सेवा संघ रायपुर, पीआर खुंटे समेत अन्य ने याचिकाएं लगाई थीं। याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट को सुनवाई के लिए हस्तांतरित कर दिया था। हाई कोर्ट में सुनवाई लंबित है।
पिता और ओबीसी समाज ने किया स्वागत
मुख्यमंत्री भूपेश की इस घोषणा का उनके पिता नंद कुमार बघेल ने स्वागत किया है। उन्होंने सोशल मीडिया में पोस्ट कर इस घोषणा की जानकारी साझा की है। वहीं, अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों में उत्साह नजर आ रहा है। समाज के सदस्य सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री भूपेश के प्रति आभार जता रहे हैं।
साहू समाज के प्रदेश अध्यक्ष अर्जुन लाल हिरवानी ने कहा कि प्रदेश में लगातार पिछड़ा वर्ग का आरक्षण बढ़ाये जाने की मांग हो रही थी। लंबे समय तक हमने इस मुद्दे पर आंदोलन भी किया है। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने ओबीसी का आरक्षण 27 प्रतिशत करने की घोषणा की है। इस फैसले का हम सम्मान करते हैं, और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल धन्यवाद देते हैं।
