जिसका कोई नहीं उसका भगवान् और वर्षा वर्मा।
(रिपोर्ट- अदिति मिश्रा) एक कोशिश ऐसी भी… 2 दिन और तीन लावारिस शवों के अंतिम संस्कार की सेवा होती है मुझ पर रोज तेरी रहमतों के रंगों की बारिश ,मैं कैसे कह दूं, मेरे विधाता हम सब पे तेरी महर नही है !! एक कोशिश ऐसी भी… जैसा कि संस्था की टैगलाइन है कि किसी… Read More »
