ब्यूरो रिपोर्ट:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बीरभूम में हिंसा पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचीं. इस पर सोशल मीडिया पर बीरभूम में ममता के स्वागत में तोरण लगाते हुए लोगों का एक वीडियो सामने आया है जिससे लोगों का गुस्सा भड़क गया. उन्होंने ममता को खरी-खोटी सुनाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. लोग वीडियो-फोटो शेयर कर पूछ रहे हैं कि थोड़ी भी शर्म है ममता दीदी को, तो स्वागत बोर्ड हटवा देतीं. यहां वो किसी का दर्द बांटने आ रही हैं या चुनाव प्रचार करने आ रही हैं.
भाजपा ने तो यहां तक पूछा कि आप शोक मनाने जा रही हैं या जश्न मनाने? बंगाल बीजेपी ने अपने एक ट्वीट में लिखा, महिलाओं और बच्चों को जलाकर मार डाला गया है, लेकिन प्रशासन जांच के बजाय ममता के स्वागत के लिए होर्डिंग लगा रहा है. सबसे बड़े नरसंहार के मुकदमे के बजाय खुद को बढ़ावा देना! हमें बेशर्म पुलिस मंत्री का इस्तीफा चाहिए.

वहीं जब ममता पीड़ितों से मिली तो हमदर्दी दिखाई जिससे उनका दर्द आंखों से छलक उठा. ममता ने किसी अपने की तरह रोते हुए शख्स को पानी पिलाया और उसके आंसू पोछे. ममता ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजन को 5 लाख रुपए का चेक दिया. इसके साथ ही कहा कि आग में जल चुके घरों को सुधारने के लिए 2-2 लाख रुपए दिए जाएंगे.
मरने वाले 10 लोगों के परिवारों को नौकरी दी जाएगी.
ममता ने कहा कि मुझे कोई बहाना नहीं चाहिए कि लोग भाग गए. मैं चाहती हूं कि घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया जाए और चूक करने वाले पुलिसकर्मियों को सजा मिले. गवाहों को पुलिस सुरक्षा दी जाए.
टीएमसी सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद सुदीप ने कहा, हमने रामपुरहाट, बीरभूम की घटना को देखते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को हटाने की मांग की है. उनका काम हमारी संवैधानिक व्यवस्था के खिलाफ है.
संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था खतरे में है. उधर गवर्नर जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह एक शर्मनाक घटना है जो सरकार पर लगा कभी न मिटने वाला धब्बा है. लोकतंत्र में लोगों को इस तरह से जिंदा जलाना बहुत दर्दनाक होता है. मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह सबक सीखे.
