भोपाल। हनीट्रैप मामले में राजधानी के मिनाल रेसीडेंसी से पकड़ी एक महिला एक प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को ब्लैकमेल कर 25 लाख रुपए ले चुकी है। महिला ने प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को बेंगलुरु की कंपनी के माध्यम से ब्लैकमेल किया।
कंपनी का भोपाल में अधिकृत रूप से कोई भी ऑफिस नहीं बताया जा रहा है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि इसका कामकाज एक सरकारी दफ्तर से संचालित किया जा रहा था। प्रमुख सचिव के अलावा गिरोह की एक महिला ने एक पूर्व सांसद से भी करोड़ों रुपए ऐंठे हैं।
वहीं, हनीट्रैप मामले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने झाबुआ से लौटने के बाद मुख्यमंत्री निवास पर मुख्य सचिव एसआर मोहंती, डीजीपी वीके सिंह, एसआईटी प्रमुख संजीव शमी के साथ बैठक कर अब तक हुई विवेचना की प्रगति को लेकर सवाल किए। इधर, डीजीपी वीके सिंह-विशेष पुलिस महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा के बीच उपजे विवाद पर दोनों अफसरों ने चुप्पी साध ली है।
सूत्रों ने बताया कि हनीट्रैप में गिरफ्तार एक महिला ने बेंगलुरु की एक कंपनी के सहारे ब्लैकमेलिंग के लिए कई नेताओं और अफसरों की निगरानी की थी। इस कंपनी ने भोपाल में अपना ठिकाना नहीं बनाया, बल्कि एक पुलिस अधिकारी मित्र के कार्यालय में ही उसका संचालन करवाने के लिए स्थान लिया। कंपनी के कर्मचारियों के लिए दफ्तर के तीसरी मंजिल पर एक स्थान दिया गया, जिसके दरवाजे पर प्रतिबंधित क्षेत्र लिखा रहता था। इस कारण सामान्य कर्मचारी भी उस कक्ष में जाने से बचते थे।
मुख्यमंत्री ने समीक्षा की
मुख्यमंत्री कमलनाथ दिल्ली से सोमवार को प्रदेश लौटे और वे झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया का नामांकन पर्चा दाखिल कराने के बाद शाम को भोपाल आए। रात को उन्होंने हनीट्रैप मामले की पुलिस विवेचना की प्रगति जानने के लिए आला अधिकारियों की बैठक की।
मुख्य सचिव मोहंती, डीजीपी सिंह व एसआईटी प्रमुख संजीव शमी के साथ काफी देर बैठक की। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने इस मामले को लेकर डीजीपी सिंह-विशेष पुलिस महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा के बीच टकराव पर अधिकारियों से वस्तुस्थिति जानी। एसआईटी प्रमुख संजीव शमी को स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि अभी मध्यप्रदेश के दायरे में जांच पड़ताल की जाए।
आला पुलिस अफसरों की चुप्पी
हनीट्रैप मामले को लेकर डीजीपी विजय कुमार सिंह और विशेष पुलिस महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा के बीच उपजे विवाद पर सोमवार को दोनों अफसरों की चुप्पी रही। केरल से लौटने के बाद शर्मा ने जिस तरह डीजीपी पर हमला किया था, दूसरे दिन मीडिया से दूरी बना ली। गौरतलब है कि उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ से समय मांगा था, लेकिन सोमवार को सीएम ने लौटने के बाद भी उन्हें समय नहीं दिया है।
एसआईटी सुपरविजन टीम की चर्चा
उधर, एसआईटी के सुपरविजन के लिए टीम बनाने को लेकर मंत्रालय में चर्चा चलती रही। पुरुषोत्तम शर्मा ने एसआईटी के सुपरविजन पर रविवार को सवाल उठाए थे और इसको लेकर सोमवार को सरकार की तरफ से बदलाव नहीं किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि एक पुलिस अधिकारी के स्थान पर तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को यह जिम्मेदारी देने के लिए उच्च स्तर पर चर्चा हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ से विचार-विमर्श होने तक फैसले को टाल दिया गया।
पूर्व सांसद की 30 सीडी बनी
बताया जाता है कि हनीट्रैप मामले से जुड़ी महिला ने एक पूर्व सांसद की करीब 30 सीडी बनाई थीं। इस कारण उन्हें महिला से ब्लैकमेल भी होना पड़ा। नेताजी ने अपनी तरफ से तो मोटी रकम महिला को दे दी थी, लेकिन जब वह उतनी राशि पर नहीं मानी तो बाद में और रकम का बंदोबस्त कर महिला को दी।
