नई दिल्ली। केंद्र सरकार आयुष्मान योजना को अपनी बड़ी सफलताओं में गिनवा रही है। लेकिन डॉक्टरों-अस्पतालों के संगठन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) का कहना है कि आयुष्मान योजना को बेहद गलत तरीके से लागू किया जा रहा है। इस योजना में मरीजों को वास्तविक लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि इंश्योरेंस कंपनियां मालामाल हो रही हैं। संगठन ने कहा है कि सरकार को इस योजना को लागू करने के तरीकों पर पुनर्विचार करना चाहिए।
रविवार को एक प्रेसवार्ता आयोजित कर आईएमए के सेक्रेटरी जनरल आरवी अशोकन ने कहा कि आयुष्मान योजना में अस्पतालों के भुगतान का तरीका सही नहीं है। अच्छे अस्पतालों को उनकी दर से कम दर पर भुगतान किया जा रहा है। इसके कारण अस्पतालों की वित्तीय स्थिति पर बुरा असर पड़ रहा है, वहीं कुछ लोग बीमा कंपनियों से सांठ-गांठ कर उचित इलाज किए बिना अवैध कमाई कर रहे हैं। इससे मरीजों को तो नुकसान हो रहा है, लेकिन गलत इरादे वाले लोगों और बीमा कंपनियों को फायदा हो रहा है।
डॉक्टरों का आरोप है कि आयुष्मान योजना के जरिए किसी एक इलाज के लिए भुगतान की दर निश्चित कर दी गई है। इस तरह अप्रत्यक्ष तरीके से इलाज के भुगतान को नियंत्रित किया जा रहा है। निचले स्तर के अस्पताल ज्यादा लाभ के लिए इलाज की गुणवत्ता से समझौता कर रहे हैं जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
