लखनऊ। अक्तूबर व नवंबर माह अयोध्या जिले के पुलिस प्रशासन के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। अक्तूबर में होने वाले दीपोत्सव में प्रदेश, देश व विदेश के मेहमानों के साथ शहर की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती होगी तो नवंबर में रामजन्मभूमि विवाद पर आने वाले संभावित फैसले को लेकर सुरक्षा व्यवस्था की बड़ी चुनौती प्रशासन के सामने खड़ी हो गई है।
सुरक्षा के मद्देनजर जिले में भारी संख्या में अर्धसैनिक बल व पुलिस बल के आने की संभावना को लेकर प्रशासन ने फोर्स को ठहराने के लिए शिक्षा विभाग से विद्यालयों की सूची मांगी है। अक्टूबर में दीपावली पर आयोजित दीपोत्सव समारोह व उसके बाद कार्तिक पूर्णिमा मेले को लेकर प्रशासन तैयारी कर रहा है।
इसके साथ ही वह नवंबर माह में श्रीरामजन्मभूमि विवाद पर आने वाले संभावित फैसले के बाद यहां की सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता करने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए पुलिस प्रशासन ने जिले के डीआईओएस व बीएसए से शहर व उसके आसपास स्थित सभी स्कूलों की सूची मांगी है।
इसको लेकर पुलिस प्रशासन ने शहर के बड़े धर्मशाला, गेस्ट हाउस व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी निगाह गड़ा दी है। इसके लिए संभावित स्थानों की सूची तैयार की जा रही है। हालांकि अधिकारी इस संदर्भ में अभी कुछ कहने से बच रहे हैं, लेकिन सूत्र बताते हैं कि जिले में करीब सौ से लेकर डेढ़ सौ कंपनी पुलिस बल को ठहराने के इंतजाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
ये कहते हैं अधिकारी
एसपी सिटी विजय पाल सिंह कहते हैं कि फिलहाल अभी पुलिस दीपोत्सव व कार्तिक मेले की सुरक्षा इंतजाम में जुटी है, बाकी के लिए अभी कोई निर्देश नहीं मिला है। वहीं, डीआईओएस आरबी सिंह चौहान का कहना है कि पुलिस विभाग का पत्र मिला है, इसको लेकर स्कूल के प्रबंध तंत्र व प्रधानाचार्यों से बैठक की जा रही है।
दीपोत्सव पर होंगे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
दीपोत्सव पर्व पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत केंद्रीय व प्रदेश कैबिनेट के कई मंत्रियों के साथ विदेशी मेहमान भी अयोध्या के अतिथि होंगे। इसको लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। एसपी सिटी विजयपाल सिंह ने बताया कि सुरक्षा को लेकर आठ कंपनी अर्धसैनिक बल व पीएसी बल की मांग की गई है। इसके अलावा जिले की पुलिस बल के साथ आसपास के जनपदों की पुलिस बल भी तैनात किए जाएंगे।
मुख्य कार्यक्रम स्थल नयाघाट स्थित राम कथा पार्क, सरयू तट व मुख्य मार्ग पर चप्पे-चप्पे पर अर्धसैनिक बल के साथ पुलिस व खुफिया विभाग के जवान, सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
