सभी विभाग पाज़ीटिव अप्रोच के साथ करे कार्य, अपने अपने विभागों का करे स्वयं आंकलन

By | September 24, 2022

 ब्यूरो रिपोर्ट

*IGRS व हेल्पलाइन प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित कराने के उद्देश्य ज़िलाधिकारी द्वारा बुलाई गई महत्वपूर्ण बैठक*

*इस माह में निस्तारित किये गए सभी प्रकरणों के निस्तारणो का कल अपरान्ह 12 बजे तक किया जाए सत्यापन, 12 बजे के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा किया जाएगा निस्तारणो का सत्यापन, दोषपूर्ण/गलत सत्यापन होने पर होगी सम्बंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही*

*जनसुनवाई में अधिकारी शिकायतकर्ताओं को दे पर्याप्त समय, समझे समस्याओ को तत्पश्चात करे गुणवत्तापूर्ण निस्तारण*

*निस्तारण योग्य प्रकरणों को एक बार मे गुणवत्तापूर्ण पूर्ण रूप से करे निस्तारित*

*शिकायतों की संख्या कम करने के लिए अपने अपने विभाग में *ऑटो फीड-बैक मैकेनिज़्म* बनाना करे सुनिश्चित*

कलेक्ट्रेट सभागार में ज़िलाधिकारी  सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में IGRS व हेल्पलाइन प्रकरणों का गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निम्नवत दिशा निर्देश दिए गए :-

1) बैठक में सर्वप्रथम ज़िलाधिकारी द्वारा 1 अक्टूबर तक डिफाल्टर होने वके प्रकरणों की समीक्षा की गई। समीक्षा में पाया गया कि आगामी 1 तारीख तक डिफाल्टर होने वाले कुल 1900 प्रकरण है जिनका 27 सितम्बर तक गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करना है। ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि शत प्रतिशत डिफाल्टर प्रकरणों का निस्तारण सुनिश्चित करना है अन्यथा कार्यवाही के लिए तैयार रहे।

2) बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि इस माह में जितनी भी शिकायतें प्राप्त हुई है जिनका निस्तारण सुनिश्चित किया जा चुका है। आज रात से कल अपरान्ह 12 बजे तक विभागाध्यक्ष स्वयं सभी किये गए निस्तारणो का सत्यापन करेगे। यदि कोई निस्तारण दोषपूर्ण है तो उसका दुबारा गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करना सुनिश्चित करें। 12 बजे के बाद ज़िलाधिकारी द्वारा स्वयं निस्तारणो का सत्यापन किया जाएगा। यदि कोई निस्तारण दोषपूर्ण/गलत पाया जाएगा तो सम्बंधित के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

3) बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि पिछले माह में कुल कितनी शिकायतें पंजीकृत हुई है और विभाग के किन किन विषयो पर शिकायतें प्राप्त हुई है इसकी सूचना आज रात 10 बजे तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए।

4) ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि हमारा मुख्य उद्देश्य शिकायतों की संख्या को कम करना है। सभी निस्तारण योग्य प्रकरणों को एक बार मे गुणवत्तापूर्ण पूर्ण निस्तारण सुनिश्चित करते हुए निस्तारित किया जाए। ताकि शिकायतकर्ता को बार बार एक ही प्रकरण के सम्बंध में शिकायत दर्ज न करना पड़े।

5) बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि जब तक हम समस्याओ का निस्तारण शिकायतों के आधार पर करेगे हम शिकायतों की संख्या को कम नही कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि हमे शिकायतों की संख्या कम करने के लिए अपने अपने विभाग में *ऑटो फीड-बैक मैकेनिज़्म* बनाना होगा। सभी विभाग अपने विभाग से सम्बंधित विषयो के सम्बंध में स्वयं फीडबैक/जानकारी लेकर व्यवस्थाओ को सुनिश्चित करे, ताकि जनता को शिकायत करने की ज़रूरत ही न पड़े। उन्होंने कहा कि यह सभी की ज़िम्मेदारी है कि विभाग स्वयं यह जाने की समस्या कहा है और उसको चिन्हित करते हुए अपनी व्यवस्था को शिकायत प्राप्त होने से पहले सुधारे ताकि जनता को शिकायत करने की आवश्यकता ही न रहे।

6) बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए कि सभी अधिकारी आगामी बैठकों में बैठक से सम्बंधित पत्रावलियों/नोट्स को बैठक में लेकर उपस्थित हो। उन्होंने कहा आगामी बैठकों में जो भी अधिकारी बैठक से सम्बंधित सम्बंधित पत्रावलियों/नोट्स को लेकर नही आएगा उनको बैठक में बैठने नाहीबड़िया जाएगा। बैठक के दौरान ज़िलाधिकारी द्वारा विभागवार निस्तारित किये गए प्रकरणों की पत्रावलियों का भी निरीक्षण किया।

7) बैठक में ज़िलाधिकारी द्वारा बताया गया कि IGRS का मुख्य उद्देश्य जनता की समस्याओं का निस्तारण तो है ही, अपितु इसका यह उद्देश्य भी है कि प्रत्येक विभाग यह जाने की उनसे सम्बंधित किन किन विषयो पर सबसे अधिक समस्याए प्राप्त हो रही है। विभाग उन समस्याओं को जाने और प्राथमिकता पर समस्या की जड़ तक जा कर मूल समस्या का निस्तारण करते हुए अपने सिस्टम को दुरुस्त करें।

8) ज़िलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि सभी विभाग पाज़ीटिव अप्रोच के साथ कार्य करे। अपने अपने विभागों का स्वयं आंकलन करे। जनता द्वारा भेजी गई शिकायतों को समझे , समस्या के मूल कारण पर जाए और उसको समाप्त करते हुए प्रकरणों का निस्तारण करे ताकि शिकायतकर्ता को एक ही समस्या के लिए दुबारा आवेदन करना ही न पड़े।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व, अपर जिलाधिकारी ट्रान्स गोमती, ज़िला विकास अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा प्रतिभग किया गया।