
ब्यूरो रिपोर्ट:
उत्तर प्रदेश में इस समय जिस तरह का राजनीतिक माहौल चल रहा है, उसमें कोई भी पार्टी एक दूसरे पर निशाना साधने का मौका नहीं छोड़ रही है. इस कड़ी में आज जब दिल्ली में अखिलेश यादव का हेलिकॉप्टर के टेक ऑफ में कुछ देरी हुई तो इसको लेकर राजनीतिक बवाल शुरू हो गया.
सरकारी सूत्रों के अनुसार, हेलिकॉप्टर के टेक ऑफ में देरी का जो आरोप अखिलेश ने लगाया है, वह गलत है. उनका कहना है कि कमर्शियल फ्लाइट को उड़ान में हमेशा प्राथमिकता दी जाती है.
गौरतलब है कि जब अखिलेश के हेलिकॉप्टर को उड़ने में देरी हुई तो अखिलेश ने आरोप लगाया कि एक बड़े बीजेपी नेता के हैलीकॉप्टर को बिना रोक टोक उड़ने दिया गया.
सपा प्रमुख ने इसे भाजपा की साजिश बताया और इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. हालांकि, कुछ देर बाद उनके हेलिकॉप्टर ने उड़ान भर ली थी. अब इस घटना को लेकर सरकारी सूत्र ने स्थिति स्पष्ट की है. उनका कहना है कि अखिलेश ने झूठे आरोप लगाए हैं.
साथ ही अखिलेश यादव के हेलीकाप्टर की ईंधन भरा जा रहा था, जिसके कारण उनके हेलिकॉप्टर ने देरी से उड़ान भरा. हेलिकॉप्टर में ईंधन भरने का काम पूरा होते ही अखिलेश यादव के हेलिकॉप्टर को उड़ान भरने की इजाजत दे गई.
वहीं, उनके हेलिकॉप्टर को बेवजह साजिश के तहत रोका गया. उधर, इन अरोपों के बाद भाजपा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अखिलेश हार की बौखलाहट में ऐसा कह रहे हैं. भाजपा इस तरह के काम नहीं करती है.