नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी को अंतरिम राहत देते हुए 29 जुलाई तक उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही अदालत ने उन्हें मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सहयोग करने को भी कहा है. इससे पहले इसी शुक्रवार को इस मामले में पूछताछ के लिए रतुल पुरी ईडी के सामने हाजिर हुए थे. बताया जा रहा है कि उस दौरान उन्होंने शौचालय जाने के लिए ईडी के अधिकारियों से कुछ समय मांगा था. इस बहाने से वे वहां से फरार हो गए थे. काफी देर तक उनके वापस न लौटने पर ईडी ने फोन के जरिये उनसे संपर्क की कोशिश की लेकिन उनका फोन बंद मिला था.
इसी बीच अपनी गिरफ्तारी की संभावना देखते हुए रतुल पुरी ने राहत के लिए अदालत से गुहार लगाई थी. वहां रतुल पुरी की तरफ से तर्क रखा गया कि वे ईडी की जांच में सहयोग कर रहा है ऐसे में उनकी गिरफ्तारी की जरूरत नहीं है. इधर, बताया जाता है कि कोर्ट की तरफ से राहत मिलने के बाद अब ईडी उन्हें एक बार फिर पूछताछ के लिए समन भेजने पर विचार कर रही है.
इससे पहले ईडी ने बीते अप्रैल में भी उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए बुलाया था. ईडी का आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में उनके स्वामित्व वाली एक कंपनी में दुबई से रकम ट्रांसफर की गई थी. ऐसे में यह केंद्रीय जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वह रकम किसके इशारे पर उनकी कंपनी में जमा करवाई गई थी. इसके अलावा इसी साल की शुरुआत में आयकर विभाग ने रतुल पुरी के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान पावर प्रोजेक्ट्स के खिलाफ 1350 करोड़ रुपये की कर चोरी का भी पता लगाया था.
कांग्रेस की अगुवाई वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने फरवरी 2010 में अगस्ता वेस्टलैंड के साथ वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा किया था. करीब 3600 करोड़ रुपये के उस सौदे के जरिये 12 हेलीकॉप्टरों की खरीद होनी थी. इससे जुड़ी कुछ गड़बड़ियां सामने आने के बाद नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली पिछली सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया था. फिर ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को इस मामले की जांच सौंपी गई थी. बीते साल इन एजेंसियों को इस सौदे के कथित मुख्य बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल को भी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से भारत प्रत्यर्पित करवाने में भी बड़ी सफलता मिली थी.
